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हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार थमने का नाम नहीं : अखिलेश यादव

locationलखनऊPublished: Jul 16, 2019 07:01:25 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

मुख्यमंत्री के ‘बयान‘ के बाद भी अपराधी प्रदेश छोड़कर नहीं गए,अखिलेश को मारी गई गोली

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हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार थमने का नाम नहीं : अखिलेश यादव

लखनऊ , समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व Chief Minister akhilesh yadav ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराधी बेलगाम हैं। कानून-व्यवस्था का उन्हें जरा भी खौफ नहीं रह गया है। हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री के ‘बयान‘ के बाद भी अपराधी प्रदेश छोड़कर नहीं गए, जो जेल गए वहीं से वे अपना काला धंधा धड़ल्ले से चला रहे हैं। राज्यपाल भले ही इन हालात में उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर बताएं पर सच तो यह है कि आज यह राज्य जनता के लिए भय और दहशत का पर्याय बन गया है।

अखिलेश को मारी गई गोली
अभी कल अयोध्या के महाराजगंज थाना क्षेत्र में देर शाम समाजवादी लोहिया वाहिनी के गोसाईगंज विधानसभा अध्यक्ष अखिलेश यादव उर्फ टिक्कू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। टिक्कू यादव समाजवादी पार्टी के उभरते युवा नेताओं में थे। लखनऊ में सआदतगंज में दबंगों ने सरेराह एक महिला के साथ छेड़छाड़ की। विरोध करने पर पिटाई कर दी। प्रतापगढ़ में कचहरी जा रहे वकील को जेठवारा इलाके में बदमाशों ने गोलियों से भून दिया। वाराणसी में मझिगवां में सोननदी पर पुल का निर्माण करा रहे इंजीनियर को चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। घोसी कोतवाली के भीरा विद्युत केन्द्र पर दरोगा समेत दो पुलिस कर्मियों को भीड़ ने पीटकर घायल कर दिया। सियाचिन में तैनात सेना के जवान का 15 वर्षीय बेटा बाराबंकी के निवास स्थल से गायब हो गया। उसका अपहरण किए जाने की आशंका है।
बच्चियों के यौन शोषण की घटनाये नहीं हुयी कम

इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या होगा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के यौन शोषण की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। छेड़छाड़ के डर से तमाम छात्राओं ने स्कूल या कोचिंग जाना ही छोड़ दिया। बलात्कार की बढ़ती इन घटनाओं का स्वतः संज्ञान सर्वोच्च न्यायालय ने भी लिया है। कानून के बावजूद शासन प्रशासन अपराधियों में उसका भय नहीं पैदा कर सका है। स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है।

राज्यपाल राम नाईक को कानून व्यवस्था की दी थी जानकारी
15 जून 2019 को राज्यपाल से भेंट कर समाजवादी पार्टी के द्वारा निर्दोषों की हत्याओं से सम्बन्धित पत्र सौंपा था। एक माह बीत चुका है लेकिन सुधार के नाम पर परिणाम सिफर ही है। आज भी हत्याओं का क्रम जारी है। कोई मामला जब तूल पकड़ता है तो फौरी तौरपर रस्म अदायगी कर दी जाती है। मुख्यमंत्री के बड़बोलेपन का उनके अधीनस्थ अफसरों पर कोई असर होता तो दिखाई नहीं देता है। ऐसा लगता है कि जैसे पूरा प्रशासन तंत्र पंगु हो गया है। क्या ऐसे ही सर्वोत्तम प्रदेश की राह हम देख रहे है?
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