ये भी पढ़ें- पूर्व सांसद व केन्द्र सरकार में मंत्री रहे इस बहुत बड़े नेता की पुत्री व पौत्र ने थामा सपा का दामन, हुई धमाकेदार घोषणा अखिलेश यादव ने मांगा इस्तीफा- समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि एक न्यूज चैलन के स्टिंग ‘सीएम की नाक के नीचे’ में तीन मंत्रियों के निजी सचिवों द्वारा घूस की डीलिंग करना समूची भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबूत है। आरोपों की जाँच पूरी होने से पहले नैतिकता के आधार पर सीएम और सम्बंधित मंत्रियों को इस्तीफ़ा देना चाहिए। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि तीन मंत्रियों का स्टिंग में पकड़ा जाना गंभीर मामला है। इसका मतलब की भ्रष्टाचार चरम पर है। इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए और पद से इस्तीफा देना चाहिए। दो दिन पहले ही सीएम योगी ने अटलजी के जन्मदिन पर सुशासन दिवस बनाया था, क्या यहीं सुशासन है। आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि योगी सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। सरकार का मुखिया होने के नाते नैतिकता के आधार पर उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
विपक्ष द्वारा किए जा रहे हमले से भाजपा के बचाव में प्रदेश प्रवक्ता नरेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेन्स पर काम कर रही है। मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई की गयी। तीनों निजी सचिवों को निलम्बित कर उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं। जांच में दोषी पाये जाने पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीएम योगी की ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। विपक्ष राजनीतिक कारणों से उनसे इस्तीफा मांग रहा है। विपक्ष का इस्तीफा मांगने का कोई औचित्य नहीं है।
स्टिंग ऑपरेशन में क्या है- स्टिंग ऑपरेशन में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप कई विभागों के लिए घूस मांगते नजर आए। तो वहीं खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी डीएस से परमिशन लेकर आबकारी के एक काम के लिए डील करते दिखाई दे रहे हैं। इसी के साथ स्टिंग ऑपरेशन में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी किताबों के ठेके का सौदा करते दिख रहे हैं। मामला उजार होने के बाद हड़कंप मच गया।