ये भी पढ़ें- भाजपा को लगा तगड़ा झटका, इन नेताओं ने थामा समाजवादी पार्टी का दामन, हुई बड़ी घोषणा यह है वजह- दरअसल यह फैसला मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के खराब प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा था। सपा ने 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन सिर्फ एक ही सीट वह जीतने में कामयाब हो पाई थी। जिसके बाद पार्टी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। आपको बता दें कि एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें, भाजपा ने 109, बसपा ने दो, सपा ने एक व अन्य ने चार सीटें जीती थीं।
अब जब सपा ने मध्यप्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है, तो ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी अब नई कार्यकारिणी के लिए बड़े नेता को जिम्मेदारी दे सकती है। मध्य प्रदेश में जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।