यह भी पढ़ें… अमित शाह ने कहा, अमेठी देश-विदेश में जानी जाती है तो इसकी देन नेहरू-गांधी परिवार, इस बयान पर बीजेपी में मचा हड़कंप… शिवपाल ने बनाई दूरी आपको बताते चलें कि महान दार्शनिक और विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया की 50वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को लंबे समय बाद समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव एक साथ नजर आए, लेकिन शिवपाल सिंह यादव कहीं नहीं दिखे। राजधानी लखनऊ के लोहिया पार्क में अखिलेश यादव ने पिता के पैर छुए तो मुलायम सिंह ने उन्हें आशीर्वाद दिया। इस दौरान सपा संस्थापक ने कहा कि अब परिवार में कोई मतभेद नहीं है। सब कुछ ठीक है और सभी मेंबर एक हैं। इससे मुलायम यह मैसेज देना चाहते हैं कि शिवपाल भी अब अखिलेश से नाराज नहीं हैं, लेकिन उनकी मुलायम के साथ गैरमौजूदगी कई सवाल छोड़ गई। जबकि, शिवपाल गुरुवार को इस कार्यक्रम से पहले लोहिया ट्रस्ट में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुलायम के साथ मौजूद थे। मुलायम वहीं से सीधे लोहिया पार्क पहुंचे थे।
यह भी पढ़ें… मुलायम ने शिवपाल को फिर ठगा, अब शिवपाल करने जा रहे यह घोषणा! … तब नहीं पहुंचे थे मुलायम मालूम हो कि पांच अक्टूबर को ताज नगरी आगरा में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे थे, जबकि उनके वहां पहुंचने की प्रबल संभावना थी। मुलायम आगरा के लिए निकले भी थे, लेकिन अमौसी हवाई अड्डे से वापस लौट आए थे। अखिलेश ने आगरा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में कहा था कि पिता भले ही नहीं आए, मगर उनका आशीर्वाद उन्हें मिल गया है। चर्चा यह भी थी कि जल्द ही शिवपाल को पार्टी में महत्वपूर्ण ओहदा दिया जाएगा, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। सपा के सूत्र बताते हैं कि सपा का एक धड़ा शिवपाल की वापसी में अड़चन पैदा कर रहा है, वहीं दूसरा धड़ा शिवपाल की वापसी चाहता है। सूत्र बताते हैं कि कार्यकर्ताओं ने अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है।
यह भी पढ़ें… अखिलेश यादव का ऐलान, अब चुनाव नहीं लड़ेंगी डिम्पल यादव ससम्मान घर वापसी की चाह… वहीं, शिवपाल गुट के लोग बताते हैं कि जब तक शिवपाल की ससम्मान पार्टी में वापसी नहीं होती वह पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। सूत्र बताते हैं कि नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के कहने के बाद ही शिवपाल थोड़ा नम्र हुए हैं, मगर वह पार्टी में अपनी ससम्मान वापसी चाहते हैं।