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महिलाएं और बच्चियां दिन में नहीं सुरक्षित तो रात में अकेली महिला कैसे सुरक्षित : अखिलेश यादव

locationलखनऊPublished: Dec 10, 2019 06:47:10 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

दुष्कर्म के साथ जिंदा जला देने जैसे जघन्य कांड भी होने लगे है

महिलाएं और बच्चियां दिन में नहीं सुरक्षित तो रात में अकेली महिला कैसे सुरक्षित : अखिलेश यादव

महिलाएं और बच्चियां दिन में नहीं सुरक्षित तो रात में अकेली महिला कैसे सुरक्षित : अखिलेश यादव

लखनऊ , समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष akhilesh yadav ने कहा है कि जंगलराज में दिन पर दिन खतरनाक होती कानून व्यवस्था से देश ही नहीं विदेशों तक में उत्तर प्रदेश की बदनामी हो रही है। इसके लिए भाजपा सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है। कानून की लचर व्यवस्था और पुलिस तंत्र की संवेदनहीनता के चलते प्रदेश की बहू-बेटियों की जिंदगी असुरक्षित है। विडम्बना है कि Chief Minister के तमाम बयानों और सरकार के तमाम फैसलों के बाबजूद महिलाओ और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। यही नहीं दुष्कर्म के साथ जिंदा जला देने जैसे जघन्य कांड भी होने लगे है।
Chief Minister ने कल ताबड़तोड़ कई घोषणाएं की। फास्टट्रैक स्पेशल कोर्ट, रात में महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए पुलिस फोर्स जैसी व्यवस्थाओं पर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने निर्णय किया। पहले भी सख्त से सख्त कार्यवाही और अपराध के प्रति जीरों टालरेंस जैसे मुहावरे Chief Minister के श्रीमुख से सुने गए है। पर नतीजा हर बार ढाक के तीन पात जैसा दिखाई दिया है। उन्नाव के जघन्य कांड के बाद भी दुष्कांड हो रहे है। अजीब बात है कि जो पुलिस दिन में बच्चियों-महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती वह रात में अकेली महिला को क्या सुरक्षा देगी?
अभी बदांयू में सिविल लाइंस क्षेत्र की एक छात्रा को शोहदे ने छेड़ा तो हेल्पलाइन 181 पर मदद मांगी। पुलिस का जवाब मिला हमारी गाड़ी में डीजल नहीं है। पीड़िता के फोन पर उसे तत्काल रिस्पांस नही मिलने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। समाजवादी सरकार ने 1090 और यूपी 100 नं0 की जो व्यवस्था की थी उन्हे BJP government ने शिथिल कर दिया। 100 और 112 और 112 को 100 की कवायद निरर्थक साबित हुई है।
जहां तक महिलाओ और बच्चियों के प्रति अपराधिक घटनाओ की बढ़त का सवाल है पिछले दो-तीन दिनो में ही कई दुष्कांड हुए है। बदायूं में एक किशोरी से दुष्कर्म, अंबेडकरनगर में एक आटो चालक ने महिला का रेप किया, मैनपुरी के करहल में एक छात्रा के अपहरण की कोशिश हुई, हरदोई में जिंदा जलाकर मार देने की धमकी से आतंकित दो सगी बहनो ने स्कूली पढ़ाई छोड़ दी। हरदोई में ही दो आरोपितो को पुलिस ने थाने से छोड़ दिया तो छूटते ही उन्होने पीड़िता के घर में आग लगा दी।
महिला सुरक्षा के लिए जब कारगर सुरक्षा व्यवस्था और प्रतिरक्षक सामाजिक वातावरण बनेगा तभी ऐसे जघन्य कांड रूकेगे। लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार तो विभाजनकारी नीतियां बनाने में ही लगी रहती है। क्या भाजपा के Chief Minister में नारी के सम्मान के लिए अंशमात्र भी संवेदनशीलता नहीं बची है?
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