साफ है कि अखिलेश यादव ने खुद शुक्रवार को अपने चाचा और जसवंतनगर से पार्टी विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की याचिका वापस लेने के संकेत दिए। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हमारे परिवार में परिवारवाद नहीं है, लोकतंत्र है। जो अपनी विचारधारा से चलना चाहे, वो वैसे चले। साथ ही अखिलेश ने ये भी कहा कि जो आना चाहे, हम उसे अपनी पार्टी में शामिल कर लेंगे, आंख बंद करके। अखिलेश यादव के इस बयान को संकेत माना जा रहा है कि शिवपाल यादव अगर सपा में आते हैं तो उनके लिए भी पार्टी के दरवाजे खुले हैं।
वहीं शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) का मानना है कि परिवार में अभी भी एकता की गुंजाइश है। शिवपाल सिंह यादव से पूछा गया कि परिवार में एकता की अभी कोई गुंजाइश बची है। इस पर उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से पूरी गुंजाइश है, लेकिन कुछ षड्यंत्रकारी (साजिशकर्ता) लोग परिवार को एक होने नहीं देना चाह रहे हैं।