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अखिलेश के सरकारी बंगले में तोड़फोड़ से 10 लाख का नुकसान, वसूली की तैयारी

locationलखनऊPublished: Aug 02, 2018 02:09:27 pm

अखिलेश यादव के सरकारी बंगले में हुई तोड़फोड़ के नुकसान की रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी ने राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी है।

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अखिलेश के सरकारी बंगले में तोड़फोड़ से 10 लाख का नुकसान, वसूली की तैयारी

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकारी बंगले के मामले में नया मोड़ आया है।अखिलेश यादव को इससे काफी परेशानियों की सामना करना पड़ सकता है। अखिलेश के सरकारी बंगले की तोड़फोड़ के नुकसान की रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी ने राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी है। राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय में भेजा गया है। रिपोर्ट में करीब 10 लाख रुपये के नुकसान का बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इसकी वसूली के लिए अखिलेश यादव को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है।

इन जगहों पर हुई तोड़फोड़
सूत्रों के मुताबिक 266 पेज की रिपोर्ट में पूर्व सीएम के बंगले में छत से लेकर किचन, बाथरूम और लॉन में तोड़-फोड़ की बात कही गई है। बंगले में मुख्य रूप से टाइल्स, सेनेट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग के काम का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की कुल कीमत 10 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा बंगले में बना जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, बैडमिंटन कोर्ट और साइकल ट्रैक तोड़ दिया गया था। कहा जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने रिपोर्ट के साथ राज्य सम्पत्ति विभाग को एक CD भी दी है।

266 पेज की इस रिपोर्ट के अनुसार…
266 पेज की इस रिपोर्ट के अनुसार अखिलेश यादव को मिले बंगले का ग्राउंड फ्लोर ही स्वीकृत था। इस पर अखिलेश यादव ने फर्स्ट फ्लोर का निर्माण उन्होंने खुद कराया था। ग्राउंड फ्लोर पर भी काफी काम उन्होंने अपने संसाधनों से किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बांग्ला खाली करने के बाद इसमें जगह-जगह टाइल्स उखड़ी मिलीं। सेनेट्री का सामान भी गायब मिला है। टॉयलेट की सीट तक उखड़ी हुई मिली। बिजली की फिटिंग और वायरिंग को भी अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया गया था। जांच कमेटी ने अपने रिपोर्ट में बंगला खाली करने के दौरान कुल दस लाख रुपये का नुकसान आंका है। जिस पर शासन ने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को बंगले में हुए नुकसान की एक टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिए थे। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (भवन), अधीक्षण अभियंता सर्किल-39 और राजकीय निर्माण निगम के महाप्रबंधक मध्य जोन ने यह जांच की।

दिया जा सकता है वसूली का नोटिस
सरकारी बंगले में तोड़फोड़ की रिपोर्ट मिल जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस दिया जा सकता है। हालांकि, नोटिस देने से पहले रिपोर्ट का अध्ययन करने के साथ ही कानूनी राय भी ली जाएगी। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने रिपोर्ट मिलने के बाद एनेक्सी के पंचम तल जाकर प्रमुख सचिव राज्य संपत्ति एसपी गोयल को इसकी जानकारी दी। इस रिपोर्ट की प्रति अदालत में भी दाखिल की जा सकती है।

अखिलेश ने दी थी सफाई
अखिलेश यादव का कहा था कि बीजेपी की सरकार उन्‍हें बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। उन्‍होंने अपने सरकार बंगले में अपनी जरूरत के मुताबिक अपने पैसे से जिम बनाया था और कई सामान लगाए थे। उनमें से कुछ वो बंगला खाली करते वक्‍त अपने साथ ले गए थे लेकिन सरकार ने इसकी जांच बिठा दी थी।

7 मई को आया था सुप्रीमकोर्ट का आदेश
7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगले खाली करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार का पहले का आदेश रद्द कर दिया है। एनजीओ लोक प्रहरी ने 2004 में याचिका लगाकर इसे रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने 2014 में इस पर सुनवाई पूरी कर ली थी, लेकिन अपना आदेश सुरक्षित रखा था। अब कोर्ट के आदेश के बाद करीब 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों या उनके परिवारों को दो महीने में सरकारी बंगले खाली करने होंगे। इन मुख्यमंत्रियों में मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह का नाम शामिल था।

राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
राज्यपाल राम नाईक ने तोड़फोड़ को गंभीर मामला बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। राज्यपाल ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताते हुए खुद ही मामले का संज्ञान लिया और राज्य संपत्ति विभाग के अफसरों को बुलाकर जानकारी ली। मुख्यमंत्री योगी को भेजे गए पत्र में उन्होंने लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 4 विक्रमादित्य मार्ग पर आवंटित आवास को खाली किये जाने से पूर्व उसमें की गई तोड़फोड़ तथा उसे क्षतिग्रस्त किये जाने का मामला मीडिया तथा जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह एक नितान्त अनुचित व गम्भीर मामला है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गये शासकीय आवास राज्य सम्पत्ति के कोटे में आते हैं, जिनका निर्माण व रख-रखाव सामान्य नागरिकों द्वारा दिये जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों से होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सम्पत्ति को क्षति पहुंचाये जाने के विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा विधि अनुसार समुचित कार्यवाही की जाये।

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