scriptसीएए को पाठ्यक्रम में करने शामिल करने पर सियासत तेज, अखिलेश ने कहा लेक्चर की जगह होगा प्रवचन | akhilesh yadav oppose proposal to include CAA in syllabus | Patrika News

सीएए को पाठ्यक्रम में करने शामिल करने पर सियासत तेज, अखिलेश ने कहा लेक्चर की जगह होगा प्रवचन

locationलखनऊPublished: Jan 25, 2020 01:33:04 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

– सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर छिड़ी सियासी बहस
– मायावती और अखिलेश ने किया सीएए पर पाठ्यक्रम लागू करने का किया विरोध
 

सीएए को पाठ्यक्रम में करने शामिल करने पर सियासत तेज, अखिलेश ने कहा लेक्चर की जगह होगा प्रवचन

सीएए को पाठ्यक्रम में करने शामिल करने पर सियासत तेज, अखिलेश ने कहा लेक्चर की जगह होगा प्रवचन

लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदेश समेत देशभर में बयानबाजी का दौर जारी है। लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार सीएए को लेकर अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं। सीएए लागू करने को लेकर बीजेपी सरकार अडिग है। वहीं, इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucnow University) ने इस कानून को पाठ्यक्रम में शामिल कर नई बहस को जन्म दिया है। लखनऊ विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इस फैसले के साथ ही सियासत भी गरमा गई है। बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती (Mayawati) के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विरोध जताया है।
https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1220710609882316800?ref_src=twsrc%5Etfw
अखिलेश ने तंज कसा, ‘सुनने में आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में सीएए को रखा जा रहा है। अगर यही हाल रहा तो शीघ्र मुखिया जी की जीवनी भी विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाएगी व लेक्चर की जगह उनके प्रवचन होंगे और बच्चों की शिक्षा में उनकी चित्र-कथा भी शामिल की जाएगी।’
मायावती ने भी जताया विरोध

इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करने का विरोध किया। उन्होंने इस फैसले को गलत व अनुचित बताया। मायावती ने कहा कि बीएसपी इसका सख्ती से विरोध करती है और यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस लेगी।
https://twitter.com/Mayawati/status/1220597809885282305?ref_src=twsrc%5Etfw
‘भारतीय राजनीति में समसामयिक मुद्दे’ में शामिल करने की चर्चा

लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र की एचओडी शशि शुक्ला ने बताया कि जल्दी ही सीएए को पाठ्यक्रम में अमल में लाया जाएगा। सीएए इस समय देश में सबसे बड़ा सामयिकी विषय है। सीएए को लेकर लोगों में अलग-अलग धारणा है। ऐसे में इस पर लोगों को जागरुक करना जरूरी है। इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प छात्र-छात्राएं ही हैं।
सीएए का विषय ‘भारतीय राजनीति में समसामयिक मुद्दे’ होगा। सीएए के मुद्दे इस पेपर में शामिल किए जाएंगे। शशि शुक्ला ने बताया कि सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल कर इसे बोर्ड में प्रस्ताव के लिए भेजा जाएगा। प्रस्ताव पास होने के बाद इसे एकेडमिक काउंसिव के पास भेजा जाएगा। वहां से पास हो जाने के बाद इसकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो