एफआईआर में कहा गया कि सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बंगलों के लेकर आपत्तिजनक बातें चल रही हैं। दोनों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। इसी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। ये गहरी साजिश के तहत हो रहा है, इसकी निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।
बता दें कि सरकारी बंगला खाली करने से पहले की गई तोड़फोड़ के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राजनीतिक विरोधियों से लेकर सोशल मीडिया तक में सबके निशाने पर हैं।
सोशल मीडिया में उनके बंगले में हुई तोड़फोड़ की फोटो अौर वीडियों लगातार वायरल हो रही है। वहीं बीजेपी ने तो इसकी निंदा करने के साथ ही कई तरह के आरोप लगाए हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि अखिलेश बताएं कि टाइल्स के नीचे क्या छिपाया था, जिसे निकलवाने के लिए तोड़फोड़ करवाई।
विरोधियों ने किए तरह-तरह के कमेंट वहीं बीजेपी के प्रदेश संपर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव ने कहा है कि अखिलेश यादव को बताना चाहिए कि टाइल्स के नीचे क्या छुपा रखा था जो उखाड़ ले गए। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने सरकारी संपत्ति का नुकसान किया है। इसकी जांच होनी चाहिए।
बीजेपी के ही प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि सरकारी बंगले को खाली करने से पहले की गई तोड़फोड़ से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कुंठा झलकी है। लगता है उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए ही इस बात का एहसास हो गया था कि वह दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाएंगे। यही वजह है कि मुख्यमंत्री रहते हुए ही उन्होंने अपने लिए एक शानदार बंगला सरकारी खर्च पर तैयार करवाया था।