देश-प्रेदश में बीमारियों का प्रकोप स्वच्छता के अभाव में प्रदूषण के वातावरण में रहते हुए देश-प्रदेश में बीमारियों का प्रकोप है। उत्तर प्रदेश में जापानी बुखार में हजारों बच्चों की जानें गईं, बिहार में चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की अकाल मृत्यु हो गई। देश के कई अन्य भागों में भी बीमारियों से मौतों का सिलसिला जारी हैं। भारत में तमाम रोगों के रोगी पाए जाते हैं। भारत वास्तव में बीमारियों का घर बन गया है।
एक दिन में करोड़ों पौधे लगाकर रिकार्ड सपा अध्यक्ष ने कहा कि देश-प्रदेश में वन क्षेत्र लगातार घटता जा रहा है। वृक्षारोपण वार्षिक उत्सव से ज्यादा कुछ नहीं रह गया है। चंद जगहों पर पौधारोपण का सचित्र वर्णन हो जाना ही काफी समझा जाता है। समाजवादी सरकार ने एक दिन में ही करोड़ों पौधे लगाकर एक रिकार्ड बनाया था, वैसा सामूहिक प्रयास फिर नहीं हुआ। बुंदेलखण्ड में तालाबों का पुनरूद्धार तभी समाजवादी सरकार में ही हुआ था। आज बुंदेलखण्ड भाजपा सरकार में पानी के भारी संकट में फंसा है। यह बात तो अब जगजाहिर है कि जल के दुरूपयोग और जल स्रोतों के लगातार दोहन से जल संकट गहराता जा रहा है। भूगर्भ जलस्तर में गिरावट आती जा रही है। जलाशय सूख रहे हैं। अगले कुछ वर्षों में जल संकट गंभीर रूप ले लेगा। जल का भीषण दुरूपयोग रोका नहीं जा सका है। ऐसे में घर-घर को नल से जल कहां मिलेगा जबकि आज की स्थिति में जल और सीवर की लाईनें भी साथ-साथ चलती दिखती हैं। हैण्डपम्पों का पानी भी दूषित मिल रहा है। राजधानी लखनऊ में ही लोग नलों से गंदा और बदबूदार पानी पीने को बाध्य हैं।
जनता को बहकाने वाली योजनाएं बनाने में भाजपा बेमिसाल अखिलेश ने कहा कि भाजपा जनता को बहकाने वाली योजनाएं बनाने और उन्हें प्रचारित करने में बेमिसाल है। जमीनी हकीकत में भले ही वे सफल न हों, लेकिन कागजी आंकड़ों और बयानों में उनका जवाब नहीं। सच्चाई यही है कि भाजपा की तमाम योजनाएं सिर्फ कुछ दिनों के प्रचार के बाद ही दम तोड़ देती है। उनका स्वच्छता अभियान नारों-भाषणों और विज्ञापनों तक ही सीमित है। प्रदूषण के मामले में भारत का रिकार्ड उल्लेखनीय है। वे जनसेवा के लिए नहीं, सत्ताभोग की राजनीति कर रहे हैं।