2019 Lok Sabha Chunav: अखिलेश यादव ने इन नेताओं के नाम लगभग किये फाइनल, समाजवादी पार्टी की लिस्ट में होंगे शामिल
लखनऊ. 2019 के लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha Election) को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने जोर आजमाइश तेज कर दी हैं। एक तरफ बीजेपी जमीनी स्तर पर अपने संगठन की धार को पैनी करने में जुटी है तो सपा और बसपा भी चुनावी अखाड़े में खुद को मजबूत करने में कोई कोताही नहीं बरत रही। आगामी लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha Chunav) के लिए उत्तर प्रदेश के अंदर सपा-बसपा के गठबंधन की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। अखिलेश-मायावती (Akhilesh Yadav-Mayawati Alliance) के बीच होने वाले इस गठबंधन से कांग्रेस का दूर रहना भी करीब-करीब तय हो चुका है। ऐसे में आपको बताते हैं कि सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) के बाद यूपी की पांच ऐसी सीटें हैं जहां से समाजवादी पार्टी के टिकट (Samajwadi Party List) पर इन नेताओं का चुनाव लड़ना लगभग तय है।
Samajwadi Party y candidate list 2019 Lok Sabha Chunav” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/01/09/mulayam_3951634-m.png”> मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक बार फिर से अपनी परंपरागत संसदीय सीट मैनपुरी (Mainpuri Lok Sabha Seat) से उतरने का मन बना चुके हैं। उनके बेटे और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इस बात का ऐलान पिछले दिनों कर चुके हैं। आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी और आजमगढ़ दो सीटों से मैदान में उतरे थे। दोनों सीटों से जीत के बाद मुलायम ने मैनपुरी से इस्तीफा देकर आजमगढ सीट को बरकरार रखा था। मुलायम की छोड़ी मैनपुरी सीट से तेजप्रताप सिंह यादव को उनके उत्तराधिकारी के तौर पर उतारा गया और वह यहां सांसद बन गए। लेकिन अब मुलायम सिंह के मैनपुरी सीट से चुनाव में उतरने के चलते उनका यहां से लडना खटाई में पड़ गया। हालांकि तेजप्रताप सिंह का कहना है कि नेता जी के लिए सीट छोड़ने पर उनको कोई अफसोस नहीं है। वह सपा संगठन को मजबूत करने में अपनी पूरी भूमिका निभाएंगे।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार पत्नी डिंपल यादव के चुनाव न लड़ने की स्थिति में कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव मैदान उतर सकते हैं। अखिलेश यादव ने पहली बार साल 2000 में कन्नौज सीट से चुनाव लड़ा था और 3,06,054 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। उसके बाद साल 2004, 2009 के लोकसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव यहां से जीते लेकिन साल 2012 में यूपी के सीएम बनने के बाद बाद हुए उपचुनाव मे उनकी पत्नी डिंपल यादव यहां से निर्विरोध चुनी गईं। 2014 के आम चुनाव मे एक बार फिर से डिंपल यादव यहां से चुनावी मैदान में उतरीं और जीत दर्ज की। लेकिन इस बार पत्नी डिंपल यादव की जगह अखिलेश यादव खुद कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
डिंपल यादव (Dimple Yadav) वहीं अखिलेश यादव के कन्नौज (Kannuaj Lok Sabha Seat) से ताल ठोकने की घोषणा के बाद से सियासी गलियारों में उनकी पत्नी डिंपल यादव के लोकसभा चुनाव में न उतरने के कयास लगाए जाने लगे थे। लेकिन हालही में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने इस बात के भी संकेत दिए कि उनकी पत्नी डिंपल यादव भी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि अखिलेश ने यह साफ नहीं किया कि वह किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन उन्होंने इस बात का साफ संकेत दिया कि समाजवादी पार्टी डिंपल को भी चुनाव लड़ा सकती है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव का कन्नौज से चुनाव लड़ना तब तक तय नहीं, जब तक डिपल के चुनाव लड़ने को लेकर सपा कोई आखिरी फैसला न ले ले। चूंकि 2022 में अखिलेश ही सपा के सीएम उम्मीदवार होंगे, ऐसे में वह तीन साल के लिए लोकसभा जाने से बेहतर पार्टी के लिए प्रचार करने का फैसला ले सकते हैं।
रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव एक बार फिर से संभल संसदीय सीट (Sambhal Lok Sabha Seat) से चुनावी मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं। रामगोपाल यादव इस बीच लगातार संभल के कई दौरे भी कर चुके हैं और लगातार वहां के लोगो से संपर्क स्थापित करने में लगे हुए हैं। रामगोपाल यादव इससे पहले साल 2004 में संभल से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं, इसलिए इसबार फिर से उनको उम्मीद है कि यहां से चुनाव लड़ने पर उनको कामयाबी मिलेगी।
धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव अपनी बदायू ससंदीय सीट (Badaun Lok Sabha Seat) से ही 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करने में लगे हुए हैं। धर्मेंद्र यादव के लिए बदायूं सीट काफी मजबूत मानी जाती है, क्योंकि बदायूं से सपा के सांसद धर्मेंद्र यादव के विकास कार्यों से जिले के ही तीन बीजेपी विधायक और एक एमएलसी काफी परेशान थे और सीएम योगी चिट्ठी लिखकर यहां तक कहा था कि 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां से टक्कर देना नामुमकिन है।
अक्षय यादव (Akshay Yadav) प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव का भी फिरोजबाद सीट (Firozabad Lok Sabha Seat) से दोबारा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट से सासंद बन चुके अक्षय दोबारा इस सीट से ताल ठोंकने में जुटे हैं। अक्षय की तैयारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पिता और पार्टी महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव का पहली दफा फिरोजाबद संसदीय क्षेत्र के शिकोहाबाद में जन्मदिन मनाया गया। जिसमें कई लाख लोगों ने हिस्सेदारी कर भोज का आंनद लिया। माना जा रहा है कि जन्मदिन में शामिल हुए लोग चुनाव के दरम्यान उनके बेटे के लिए वोट के रूप में मदद करेंगे।