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2019 चुनाव के दौरान बीजेपी स्लो करवा सकती है इंटरनेट की स्पीड: अखिलेश

locationलखनऊPublished: Nov 13, 2018 01:46:36 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

2019 चुनाव के दौरान बीजेपी स्लो करवा सकती है इंटरनेट की स्पीड: अखिलेश

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2019 चुनाव के दौरान बीजेपी स्लो करवा देगी इंटरनेट की स्पीड: अखिलेश

लखनऊ. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान वह नेटवर्क स्लो करवा सकती है। इसका तर्क उन्होंने ये दिया कि ताकि सपा समर्थक खुलकर अखिलेश का प्रचार न कर पाएं इसलिए नेटवर्क स्लो करवा दिया जाएगा। अखिलेश ने ये बात लखनऊ यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘बियॉन्ड फेक न्यूज’ कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज के प्रति पब्लिक जागरुक हो रही है, यही कारण है कि बीजेपी डरने लगी है। अखिलेश बोले- फेक न्यूज को बढ़ावा देने वाले खुद को राष्ट्रवादी मानते हैं, लेकिन वे देश विरोधी काम कर रहे हैं। सत्ता से लाभ लेने के लिए पढ़े-लिखे लोग भी इसमें शामिल हो जाते हैं। अब तो फेक न्यूज के साथ ‘फेंकू’ शब्द भी बन गया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में झूठ फैलाने का भी रोजगार हो गया है। जो लोग समाज में नफरत फैला रहे हैं उनको बड़े लोग फॉलो कर रहे हैं।
‘समाज को जोड़ने का काम करना है’

लखनऊ यूनिवर्सिटी में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने यहां पर शिवपाल सिंह यादव की पार्टी पर कोई भी सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मेरी विचारधारा समाज को जोडऩे वाली है। अब तो बहुत से दल चाहते हैं कि सपा और बसपा का गठबंधन ना हो मगर जिस तरह लोहिया जी और अंबेडकर जी ने फिर बाद में नेताजी और कांशीराम ने गठबंधन किया वैसे ही हम अब बसपा से गठबंधन कर अन्य पार्टियों को कड़ी चुनौती देंगे। बता दें कि फेक न्यूज को लेकर बीबीसी के एक नए रिसर्च में सामने आया है कि लोग राष्ट्र निर्माण की भावना से राष्ट्रवादी संदेशों वाले फेक न्यूज को साझा कर रहे हैं। बीबीसी द्वारा तीन देशों भारत, कीनिया और नाईजीरिया में की गयी रिसर्च के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया गया कि इनक्रिप्टड मैसेजिंग एप से लोग किस तरह फेक संदेशों को फैला रहे हैं।
फेक न्यूज़ पर नियंत्रण जरूरी

इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को पीछे छोड़ दिया है, सोशल मीडिया को नियंत्रित करना आसान नहीं है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े लोगों को बुलाकर बात की जा सकती है, लेकिन सोशल मीडिया के मामले में अभी ऐसा नहीं है।उन्होंने कहा कि फ़ेक न्यूज़ की चुनौती से निपटने के लिए सरकार के पास क़ानून बनाने का विकल्प है, लेकिन अगर सरकार ऐसा करेगी तो मीडिया की आज़ादी को सीमित करने का सवाल भी उठेगा।डॉ शर्मा ने कहा कि समाचार पहले ब्रेक करने की प्रतिद्वंद्विता के कारण चैनलों के प्रति विश्वसनीयता का भाव घटा है। इसका मतलब ये नहीं है कि सभी फ़ेक न्यूज़ फैला रहे हैं।

पुलिस का सतर्क रहना जरूरी


इस दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि फेक न्यूज से निपटने के लिए जरूरी है कि उनकी शीघ्रता से पहचान की जाए. न्यूज आइटम, इमेज, वीडियो का स्रोत ट्रेस किया जाए। यूपी पुलिस डिजिटल वॉलंटियर्स के माध्यम से यह कार्य कर रही है। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर रोक लगाने के लिए यह योजना शुरू की गयी है। इसके तहत प्रदेश के प्रत्येक थानों में 250 डिजिटल वालंटियर बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया था। इससे अफवाहों का शीघ्रता से खंडन किया जा सकता है। अब तक दो लाख से अधिक व्यक्तियों को वाट्सएप के माध्यम से यूपी पुलिस से जोड़ा जा चुका है।
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