अशांति और अराजक स्थित पैदा कर रहे भाजपा नेता अखिलेश ने कहा कि भाजपा नेता विवादास्पद बयान देकर प्रदेश में अशांति फैलाने और अराजक स्थिति पैदा करने में लग गए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने पुराने तरीके जाति-संप्रदाय की राजनीति को अपनाना शुरू किया है। तिल का ताड़ बनाने का यह काम संगठित तरीके से हो रहा है। जबकि जरूरत इस बात की है कि विकास को ही पूजा मानकर उसे प्राथमिकता में रखना चाहिए। भाजपा नेता यह समझने में भयंकर भूल कर रहे हैं कि बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाकर वे मतदाताओं को गुमराह करने में सफल हो जाएंगे।
नफरत वाले बयान में 90 प्रतिशत भाजपा नेता अखिलेश ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान नफरत में 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। नफरत फैलाने वाले बयान देने में 90 प्रतिशत भाजपा के नेता हैं।भाजपा के तमाम नेताओं में ऊटपटांग बयान देने के मामले में लगता है प्रतियोगिता चलती रहती है। इसका उद्देश्य समाज के बीच भेदभाव और विषमता पैदा करना है और परस्पर सद्भाव के माहौल में जहर घोलना है।
देश की अर्थव्यवस्था चौपट अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। साथ ही आम जिंदगी को भी तबाह करने का काम किया है। भाजपा की प्राथमिकता कभी गरीब, किसान, नौजवान नहीं रहे हैं इसलिए जनहित की कोई योजना भाजपा सरकारों ने लागू नहीं की है।
भाजपा नेतृत्व को पता है कि नोटबंदी और जीएसटी से व्यापक स्तर पर अराजकता पैदा हुई है। व्यापार कारोबार में संकट है। नोटबंदी से न भ्रष्टाचार न तो आतंकियों पर रोक लगी, न पत्थरबाजी रूकी और नहीं कालाधन खत्म हुआ। घरेलू बचत भी इससे समाप्त हो गई। कई औद्योगिक संस्थानों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी भी हो गई। जनता को कोई राहत तो मिली नहीं उल्टे मंहगाई बढ़ गई। डीजल, ईंधन गैस, खाद, कीटनाशक, बीज के साथ दालें तक मंहगी हो गई। जनता की दिक्कतें हजार गुना बढ़ गई।
नहीं मिलेगी सफलता अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। किसान और व्यापारी समृद्ध होगा, तो अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। भाजपा सरकार ने तो देश को अन्य देशों के मुकाबले पीछे कर दिया है। जो लोग विकास विरोधी हैं, वे ही जनविरोधी कामों को बढ़ावा देने और संविधान के ढांचे को कमजोर करने का काम करते हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी की लोकप्रियता और ताकत में भाजपा जितने भी अवरोध पैदा करने की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोशिशें कर लें उसमें उसे सफलता मिलने वाली नहीं है।