एक देश एक चुनाव के लिए सपा तैयार योगी आदित्यनाथ सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर जो फार्मूला दिया है उसपर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक देश एक चुनाव के लिए तैयार है। ये एक अच्छी पहल है, लेकिन इसके लिए विपक्षी पार्टियों से भी बात करनी चाहिए। बिना विपक्षी पार्टियों की राय के ही ये प्रस्ताव बना दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपना कार्यकाल बढ़ाना चाहती है और वह इसकी तैयारी में भी लग गई है। बड़ी-बड़ी पार्टियां तो चुनाव को मैनेज करके लड़ लेते हैं, लेकि हम जैसी रीजनल पार्टियां कैसे चुनाव लड़ें। अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी विधानसभा का चुनाव भी 2019 में करवा लिया जाए। हम लोग सरकार के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हैं।
बीजेपी की सरकारों ने कुछ नहीं दिया अखिलेश ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों ने कुछ नहीं दिया। केंद्र सरकार के पांच और यूपी सरकार के दो बजटों में यूपी वालों को कुछ नहीं मिला। किसान, नौजवान और व्यापारी सब परेशान हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। दुनिया के किसी देश में किसान आत्महत्या नहीं करता। बेरोजगारों की एक पूरी पीढ़ी खाली बैठी है। नोटबंदी और जीएसटी से देश को बड़ा नुकसान हुआ है। नोटबंदी से देश की अर्थ व्यवस्था बर्बाद हुई। बैंक बंदी की कगार पर हैं। जबकि जीएसटी से कारोबार चौपट हो गया और युवाओं की नौकरी चली गई है। अखिलेश ने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि एनपीए की क्या स्थिति है। वहीं पतंजलि फूड पार्क पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हमने बाबा रामदेव को जमीन इसलिए दी थी, जिससे आसपास के गांवो में रहने वाले किसानों और युवाओं को रोजगार मिलेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के टेंडर निरस्त किये जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमने सोचा था कि यह एक्सप्रेस वे17 महीने में बन कर तैयार हो जाएगा क्योंकि हमने आगरा एक्सप्रेस वे 19 महीनों में बनाया था।
सीएम योगी ने गिनाए वन नेशन, वन इलेक्शन के फायदे – अगर लोकसभा, विधानसभा, निकाय और पंचायत चुनाव एख साथ होंगे तो यह देश और लोकतंत्र के हित में होगा। – एक साथ चुनाव होने से लोगों में लोकतांत्रित अधिकार जागृत होगा।
– अगर एक साथ सारे चुनाव कराए जाएंगे तो इससे देश की जनता का काफी पैसा भी बचेगा। – चुनी गई सरकारें ज्यादा मजबूती और संवेदनशील ढंग से काम कर सकेंगी। – एक साथ चुनाव होंगे तो सरकारी कर्मचारियों के काम में बार-बार व्यवधान नहीं उत्पन्न होगा।
– फोर्स को बार-बार चुनावी ड्यूटी के लिए इधर-उधर नहीं जाना होगा। – बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य नहीं रुकेंगे और लोगों का ध्यान डायवर्ट नहीं होगा।