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यूपी में बिना कांग्रेस के होगा महागठबंधन, केसीआर से मिलने जाएंगे अखिलेश

locationलखनऊPublished: Dec 26, 2018 04:57:15 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

यूपी में बिना कांग्रेस के होगा महागठबंधन, केसीआर से मिलने जाएंगे अखिलेश

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

लखनऊ. यूपी में जिस महागठबंधन की चर्चा पिछले कुछ महीनों से हो रही थी उसकी तस्वीर अब साफ होने लगी है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संकेत दे दिए कि यूपी में बिना कांग्रेस के महागठबंधन होगा। दरअसल मध्यप्रदेश में सपा के इकलौते विधायक को मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली जिससे अखिलेश नाराज हो गए हैं। उन्होंने बुधवार को कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मैं बधाई देना चाहता हूं कांग्रेस को, समाजवादियों के लिए आगे का रास्ता आसान कर दिया है। क्षेत्रीय दलों का बड़ा गठबंधन बीजेपी के खिलाफ खड़ा होगा अखिलेश खुद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मिलने अगले महीने हैदराबाद जाएंगे। बता दें कि केसीआर पिछले कुछ दिनों से लगातार थ्रंड फ्रंट बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मिल रहे हैं।

अखिलेश ने की केसीआर की तारीफ

अखिलेश यादव ने कहा कि 2019 में गठबंधन मजबूत होगा। इसमें कई दल एक साथ आएंगे, इसके लिए कई महीनों से प्रयास चल रहा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव का धन्यवाद करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी कोशिश है कि देश में एक फेडेरल फ्रंट बने। इसी प्रयास में वह काम कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि 25-26 दिसंबर मेरी उनसे मुलाकात होने वाली थी, लेकिन मैं उनसे बात कर समय लूंगा और उनसे मिलने हैदराबाद जाऊंगा। अखिलेश ने आगे कहा कि हम समाजवादियों को न जाने क्या क्या कहा गया था। आपको याद होगा उपचुनाव के दौरान समाजवादियों को लेकर कहा था कि ये गठबंधन करने जा रहे दल क्या हैं। कैसे-कैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। मैं उन्हें कई बार धन्यवाद दे चुका हूं। मैं भारतीय जनता पार्टी का इस बात का भी धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने हमें बैकवर्ड समझा। हम तो खुद को बैकवर्ड ही नहीं समझते थे। हम तो सबको साथ लेकर चलना चाहते थे। काम पर वोट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने जाति और धर्म पर वोट मांगा।
कम सीटों पर राजी नहीं थी कांग्रेस

सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और मायावती शुरू से ही कांग्रेस को यूपी में ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं थे। वहीं कांग्रेस कम से कम 15-20 सीटों की मांग कर रही थी। तीन राज्यों में मिली जीत के बाद कांग्रेस के हौसले भी बुलंद हैं। ऐसे में पार्टी ने अकेले लड़ने का मन बना लिया है। सूत्रों की मानें को नए साल पर औपचारिक तौर पर कांग्रेस इसका ऐलान भी कर देगी।
अब क्या होंगे समीकरण

कांग्रेस के गठबंधन में शामिल ने होने से सपा और आरएलडी की सीटें बढ़ सकती हैं। सूत्रों की मानें तो 40 सीटों पर बसपा तो वहीं 33 पर सपा और 5 पर आरएलडी चुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा कुछ और क्षेत्रीय दलों को इसमें शामिल किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस भी लगभग सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2009 लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर कांग्रेस जीती थी और 2014 में जिन सीटों पर नंबर दो या तीन पर आई थी उन पर विशेष फोकस रहेगा।
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