समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी भाजपा सरकार को घेरते हुए ट्विट किया है।
लखनऊ. सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पत्र की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस के खूब लाठियां डंडे चले। समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी भाजपा सरकार को घेरते हुए ट्विट किया है। उन्होंने कहा है कि ‘68500 शिक्षक भर्ती’ में शेष 32640 सीटों को तुरंत भरे जाने व मूल्यांकन की अनियमितताओं के ख़िलाफ़ जब अभ्यर्थी माँग कर रहे हैं, तो भाजपा सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है। प्रदेश के बेबस बेरोज़गार युवाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार सत्ता के अहंकार में डूबे भाजपाइयों की आदत बन गयी है। बता दें कि इस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थियों को चोट लगी। इस दौरान कई राहगीर भी पिट गए। सड़क जाम करने के बाद अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की। लगातार नारेबाजी और पुलिस द्वारा जबरन उठाने के दौरान दर्जन भर से ज्यादा अभ्यर्थी बेहोश हो गए। प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस से महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल भेजा। इनमें से कई अभ्यर्थी हालत सामान्य होते ही दोबारा निदेशालय पहुंच गए। करीब चार घंटे तक चले घमासान और लाठीचार्ज के बाद धरना समाप्त हुआ। कई पुरुष और महिला अभ्यर्थी फूट-फूटकर रोने लगे। उनका कहना था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होने पर घर में खुशियां मनाई गईं। मोहल्ले व रिश्तेदारों में मिठाइयां बांटी गईं। अब उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी, यह बात कैसे मान लें। आखिर क्या मुंह लेकर वे घर जाएं। निदेशालय पर धरना दे रहे कई अभ्यर्थियों में से एक ने निदेशालय के पास पड़े केबल को नीम के पेड़ पर डालकर फांसी लगाने की कोशिश की। सीओ महानगर संतोष कुमार सिंह ने उसे देखा तो हिरासत में लेकर थाने ले जाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा है कि ‘68500 शिक्षक भर्ती’ में शेष 32640 सीटों को तुरंत भरे जाने व मूल्यांकन की अनियमितताओं के ख़िलाफ़ जब अभ्यर्थी माँग कर रहे हैं, तो भाजपा सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है। प्रदेश के बेबस बेरोज़गार युवाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार सत्ता के अहंकार में डूबे भाजपाइयों की आदत बन गयी है।
बता दें कि इस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थियों को चोट लगी। इस दौरान कई राहगीर भी पिट गए। सड़क जाम करने के बाद अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की। लगातार नारेबाजी और पुलिस द्वारा जबरन उठाने के दौरान दर्जन भर से ज्यादा अभ्यर्थी बेहोश हो गए। प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस से महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल भेजा। इनमें से कई अभ्यर्थी हालत सामान्य होते ही दोबारा निदेशालय पहुंच गए। करीब चार घंटे तक चले घमासान और लाठीचार्ज के बाद धरना समाप्त हुआ। कई पुरुष और महिला अभ्यर्थी फूट-फूटकर रोने लगे। उनका कहना था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होने पर घर में खुशियां मनाई गईं। मोहल्ले व रिश्तेदारों में मिठाइयां बांटी गईं। अब उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी, यह बात कैसे मान लें। आखिर क्या मुंह लेकर वे घर जाएं।
निदेशालय पर धरना दे रहे कई अभ्यर्थियों में से एक ने निदेशालय के पास पड़े केबल को नीम के पेड़ पर डालकर फांसी लगाने की कोशिश की। सीओ महानगर संतोष कुमार सिंह ने उसे देखा तो हिरासत में लेकर थाने ले जाने का निर्देश दिया।