न्यायोचित बंटवारे की पक्षधर रहेंगी मायावती
वैसे तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन को लेकर पहले ही साफ कर दिया हैं कि सीटों के न्यायोचित बंटवारे की वह पक्षधर रहेंगी। इसके बाद यह भी खबर आई है कि बसपा यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 40 सीटों पर दावेदारी करने के प्रयास में हैं। हालांकि पार्टी की तरफ से इस पर आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। उधर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी साफ कर चुके हैं कि गठबंधन होकर ही रहेगा, भले ही उन्हें कुछ अपनी ही सीटों का समझौता क्यों न करना पड़े।
पहला फार्मूला ये रहा
समाजवादी पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर जीत हासिल की और जिल सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। वो सीट उसी पार्टी के खाते में जाएं। इस लिहाज से देखा जाए तो समाजवादी पार्टी के खाते में कुल 36 सीट आने की सम्भावना दिख रही हैं। वहीं बसपा के खाते में 34 सीटें आने की सम्भावना दिख रही है। वहीं कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 2 सीटें जीती थीं, जबकि 6 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी। लिहाजा उसे 8 सीटें दी जाएं। बाकी की बची 2 सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी जाएं।
1. कांग्रेस के लिए 8 सीटें उसके राष्ट्रीय पार्टी के स्तर को चोट पहुंचा सकती है। ऐसे में उसके 15 सीटों के कम में राजी होने पर भी संशय हो रहा है।
2. बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन में कम से कम 40 सीट की दावेदारी अभी से कर दी है। अखिलेश ने भी कहा है कि वह किसी भी स्तर पर झुकने को तैयार हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि सपा अपनी कितनी सीटों की बलि दे सकती है। एक रास्ता ये भी है कि जिन सीटों पर सपा और बसपा सीधे टक्कर ले रही है, वहां इसका सिंबल, उसका प्रत्याशी वाला फार्मूला अपनाया जाने की सम्भवना है।
3. समाजवादी पार्टी कांग्रेस को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रही है, इस हिसाब से माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस कम सीटों के कारण गठबंधन से बाहर होती है तो रायबरेली और अमेठी को छोड़कर उसकी सीटों में बसपा और सपा के बीच बंटवारा हो सकता है।
दूसरा फार्मूला ये रहा
1. कांग्रेस को 17 सीटें देने पर सपा और बसपा दोनों में ही संशय हो रहा है।
2. बसपा के 40 सीटों की दावेदारी के बाद से फार्मूला की स्थितियां कमजोर होते दिख रही है।
हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बताया है कि अभी सपा बसपा गठबंधन में सीटों को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। सभी पार्टियां इस पर बैठेंगीं, तब फैसला लिया जाएगा। इसके साथ यह भी बताया कि अभी समाजवादी पार्टी जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का कार्य कर रही है।