उन्हें 5 अप्रेल तक आवेदन करने का वक्त दिया गया है। असल में विलय के बाद एसबीआई ने कार्मिकों और यहां कार्य करने वाले अधिकारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का ऑफर दिया है। हालांकि यह बात अलग है कि बैंक यूनियन से जुड़े पदाधिकारी इस योजना को अप्रत्याशित रूप से छंटनी का नाम दे रहे हैं।
अंचल से 150 आवेदन हुए जमा बीकानेर अंचल की बात करें तो इसमें बीकानेर सहित श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ के करीब 150 आवेदन 22 से मार्च से 3 अप्रेल तक जमा हो चुके हैं। एसबीआई ने अधिकारी और लिपिक वर्ग से ऑन लाइन तथा
अधीनस्थ कर्मचारियों को ऑफ लाइन स्वैच्छिक आवेदन जमा करवाने का ऑफर दिया है। जिन अधिकारी और कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है, वे अपने आवेदन को 12 अप्रेल तक वापिस भी ले सकेंगे।
कौन ले सकेगा लाभ एसबीआई ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए शर्तों के साथ-साथ लोक लुभावने ऑफर भी दिया है। एसबीआई उन अधिकारियों और कर्मचारियों को आधी तनख्वाह देगी, जिनकी सेवा अधिकतम पांच साल या फिर जिनकी उम्र 50 साल पूरी हो चुकी हो। दोनों में से एक परिस्थिति बनने वाला कार्मिक अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले सकेंगे।
यूनियन ने शुरू किया विरोध ऑल इण्डिया एसबीआई एम्पलाइज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वी.के. शर्मा ने बताया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नाम पर अप्रत्याशित रूप से छंटनी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। बीकानेर अंचल से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन मिलने शुरू हो चुके हैं, लेकिन इसका असर उन कार्मिकों पर भी पड़ेगा, जो इस योजना का लाभ नहीं ले रहे। उनके ऊपर अप्रत्याशित रूप से काम का भार बढ़ेगा।
यूनियन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पॉलिसी का विरोध करता है। यदि आवश्यकता हुई तो संगठन की ओर से आंदोलन किया जाएगा। अधिकारों का हनन नहीं यह सही है कि एसबीआई ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का ऑफर दिया है, लेकिन इससे यह नहीं समझा जाए कि जो काम करेंगे उनके अधिकारों का हनन होगा। बीकानेर अंचल में करीब 150 आवेदन प्राप्त हुए हैं, कार्मिक अधिकारी चाहे तो वे अपने आवेदन को वापस भी ले सकते हैं।
राकेश कौशल, उप महाप्रबंधक, एसबीआई, बीकानेर