scriptSonbhadra : क्या था खास इस जत्थे में जो दूसरे नेताओं को देगा पछाड़ | Akhilesh yadav team went to Sonbhadra, what their report | Patrika News
लखनऊ

Sonbhadra : क्या था खास इस जत्थे में जो दूसरे नेताओं को देगा पछाड़

 
अखिलेश ने भेजा सपाइयों का पहला जत्था, सोनभद्र में सौंपा ज्ञापन
 

लखनऊJul 23, 2019 / 09:18 pm

Anil Ankur

Akhilesh yadav

Akhilesh yadav

लखनऊ . समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आज समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने ‘सोनभद्र के लिए कूच‘ किया, जिससे घबराये प्रशासन ने जगह-जगह नाकेबंदी कर कार्यकर्ताओं को रोका। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उम्भा गांव जाकर मृतकों के परिवारीजनों से भेंट की और उन्हें सांत्वना दी। कार्यकर्ताओं ने धरना देकर गत 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव में हुए नरसंहार के प्रति रोष और क्षोभ प्रकट किया।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के साथ स्थानीय पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी सोनभद्र तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 8 सूत्री ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया तथा नरसंहार के दोषियों को सख्त सजा एवं पीड़ित आदिवासियों को सुरक्षा एवं खेती की जमीन पर कब्जा दिलाने आदि की मांग की।
समाजवादी पार्टी के आह्वान पर आज प्रातः से ही ‘सोनभद्र कूच‘ में शामिल होने के लिए सोनभद्र और आसपास के जिलों से कार्यकर्ताओं के समूह निकल पड़े थे। प्रशासन ने उनके आने में रोड़े अटकाए। सोनभद्र जिलाध्यक्ष विजय यादव के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता तहसील मुख्यालय की ओर रवाना हुए। मिर्जापुर-भदोही के रास्तों पर पुलिस ने अवरोध पैदा किया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को करमा थाना पर रोक लिया गया और उन्हें ‘सोनभद्र कूच‘ में शामिल नहीं होने दिया। इस जत्थे का नेतृत्व जिलाध्यक्ष आरिफ सिद्दीकी, जिला महासचिव ओम प्रकाश यादव तथा पूर्व विधायक श्रीमती मधुबाला पासी कर रही थी। उनके साथ विजय सोनकर, नानक यादव, रीता वर्मा प्रजापति तथा रामशिरोमणि बिंद भी शामिल रहे। सोनभद्र के समाजवादी पार्टी कार्यालय में हजारों लोग तथा आदिवासी कैद कर दिए गएं, जहां पुलिस ने रोका वहीं कार्यकर्ता धरना देने लगे।

प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उम्भा गांव में 17 जुलाई के काण्ड में मृतकों के परिवारीजनों से भेंट की और उन्हें भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी उनके हितों के लिए संघर्ष करेगी। श्री पटेल के साथ श्री कैलाश चौरसिया, अविनाश कुशवाहा, आशीष यादव, रमेश दुबे, संजय यादव, शिवशंकर यादव, रोहित शुक्ला, आनंद त्रिपाठी, संदीप यादव, मुन्नी यादव भी मौजूद थे।

सोनभद्र के जिलाधिकारी एवं एसएसपी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। अपराधी स्वछन्द है और भाजपा नेताओं के संरक्षण में पनाह पा रहे हैं। शासन प्रशासन पूरी तरह असंवेदनशील है। ज्ञापन में मांग की गई है कि मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रूपए मुआवजा तथा घायलों को 5-5 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए। गांव के प्रत्येक मृतक परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए, जिस जमीन के लिए खूनी नरसंहार हुआ उस जमीन को अभिलेख में आदिवासियों का नाम स्थायी रूप से दर्ज किया जाए, उम्भा गांव के नरसंहार की घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

ज्ञापन में मांग की गई है कि अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना कर अविलम्ब सजा दिलाई जाए, भूमाफिया पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराने के साथ ही उनको नौकरी से बर्खास्त किया जाए, उम्भा गांव के प्रत्येक परिवार को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाए तथा सोनभद्र और मिर्जापुर के आदिवासी जनजातियां जो सरकारी जमींनों पर बसी हुई हंै उनका भौतिक सत्यापन कर राजस्व अभिलेख में उनका नाम दर्ज किया जाए।

Hindi News / Lucknow / Sonbhadra : क्या था खास इस जत्थे में जो दूसरे नेताओं को देगा पछाड़

ट्रेंडिंग वीडियो