प्रदेश में 74 सीटें जीतने का वादा करने वालों को अब सोचना पड़ेगा कि उनका खाता कहां खुलेगा। आपको बता दें कि गोरखपुर संसदीय सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को सपा ने अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाया था।
अखिलेश ने ये भी कहा कि निषाद पार्टी की सीट पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। सपा कार्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने बताया कि हम घोषणा पत्र पर काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि समाज के हर तबके को उसका हक मिले।
उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इन लोगों ने देश की जनता को धोखा दिया। शिक्षामित्रों से वोट लेकर उन्हें धोखा दिया। शौचालय तो बनवा दिए लेकिन उसमें पानी नहीं पहुंचाया और अब जो पैसे दे रहे हैं उतने में लोगों का घर नहीं बन रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे लिए किसानों का सवाल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। किसान खुशहाल होंगे तो देश खुशहाल होगा।
सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में मंगलवार को एक और अध्याय जुड़ गया। मंगलवार को निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समझौते का ऐलान कर दिया। संकेत मिले हैं कि सपा एक सीट अपने सिंबल तथा दूसरी सीट निषाद के बैनर तले लड़ने के लिए छोड़ेगी। उप चुनाव में इसी दल के साथ गठबंधन कर अखिलेश यादव ने गोरखपुर की प्रतिष्ठापरक सीट भाजपा के हाथ से छीन ली थी।