अखिलेश ने ट्वीट करके लिखा, ‘बसपा-सपा में गठबंधन से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी हिम्मत हार बैठे हैं. अब भाजपा बूथ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ, हुआ चकनाचूर’. ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता-कार्यकर्ता अस्तित्व को बचाने के लिए अब बसपा-सपा में शामिल होने के लिए बेचैन हैं।
बता दें इससे पहले भी अखिलेश यादव ने एक ट्वीट लिखा था कि आज का दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक है, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से देश के संविधान और सौहार्द की रक्षा तथा दलितों, वंचितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार से लड़ने के लिए बीएसपी-एसपी दोनों एक साथ आ गए हैं। यह एकजुटता भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देगी और निर्णायक साबित होगी।’
बता दें कि दोनों पार्टियों के बीच तय हुए फॉर्म्युले के मुताबिक, यूपी की 80 सीटों में से 38-38 (कुल 76) सीटों पर एसपी-बीएसपी चुनाव लड़ेंगी। अमेठी और रायबरेली सीटें कांग्रेस के साथ बिना कोई गठबंधन किए छोड़ दी गई हैं और दो अन्य सीटें छोटे सहयोगी दलों के लिए रखी गई हैं।