सपा में शुरू हुआ मंथन सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इस बार कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसी वजह से सपा नेता अभी से फील्डिंग सेट करने में लगे हैं। जानकारों का मानना है कि सपा इन नेताओं के सहारे यहां मुस्लिम वोट बैंक का बंटवारा रोकना चाहती है। दरअसल अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से सांसद हैं। वहीं अखिलेश यादव पहले से यह संकेत दे चुके हैं कि उनके परिवार से डिंपल यादव चुनाव नहीं लड़ेंगी। जिसके बाद से अखिलेश यादव को यहां से लड़ाने को लेकर सपा में मंथन शुरू हो चुका है।
मुस्लिम वोटबैंक पर निशाना कन्नौज में कमालगंज के पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी और फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी को समाजवादी पार्टी में शामिल कराकर अखिलेश यादव ने अपनी भविष्य की रणनीति की ओर इशारा कर दिया है। दरअसल दोनों नेताओं का छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र में खासा दबदबा है। दोनों नेता यहां मुस्लिम वोट बैंक पर अच्छी पकड़ रखते हैं। आपको बता दें कि छिबरामऊ विधानसभा ने ही साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव को आखिरी समय में जीत दिलाई थी।
बसपा को दिया झटका कमालगंज के पूर्व विधायक और फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने कई साथियों को भी समाजवादी पार्टी में शामिल कराया है। जानकारों का मानना है कि निकाय चुनाव में दो सीट जीतने के बाद यहां बहुजन समाज पार्टी को संजीवनी मिली थी। लेकिन अब इन दोनों नेताओं के पार्टी छोड़ने से बीएसपी को तगड़ा झटका लगा है। वहीं सपा के रणनीतिकारों के मुताबिक इन दोनों नेताओं को समाजवादी पार्टी में शामिल कराए जाने को लेकर निकाय चुनाव से ही फील्डिंग सेट की जा रही थी। लेकिन इन नेताओं को उस समय शामिल नहीं कराया जा सका।