इस अवसर पर अवनीश अवस्थी ने कहा कि मैं इस एमओयू की प्रति प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस आशय से भेजूंगा कि वह अपने जिले के ग्रामीण अंचलों में इसकी अनुपालना में कार्य करें, जिससे प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में पानी की व्यवस्था, ऊर्चा एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु एमओयू के अंतर्गत लिविंग लैब के प्रयोगों का लाभ प्रदेश को मिल सके। उन्होंने कहा कि एकेटीयू और संमोक्षा को दो या तीन गाँवों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिविंग लैब की पहल करनी चाहिए। इसके लिए शासन विवि एवं संमोक्षा की हर संभव मदद करेगा।
एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि लिविंग लैब भारतीय संस्कृति और परम्पराओं पर आधारित है| सस्टेनेबल इनर्जी के विकास के लिए रूरल इनोवेशन पर आधारित इस आधुनिक तकनीक को विस्तारित करने के लिए आवश्यक है, जिससे आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ जल, शुद्ध हवा, सस्टेनेबल ऊर्जा एवं स्वस्थ पर्यावरण प्रदान किया जा सके।
संमोक्षा के सीईओ डॉ अशोक के दास ने कहा कि स्मार्ट गांव के सपने को साकार करने के लिए एकेटीयू और संमोक्षा संयुक्ततत्वाधान में कार्य करेंगे। एमओयू के अंतर्गत सर्वप्रथम विवि के घटक संस्थान आईईटी में लिविंग लैब की स्थापना की जाएगी। इसके उपरांत एकेटीयू और फैकल्टी ऑफ़ आर्किटेक्चर में ग्रीन कैंपस के विकास के लिए लिविंग लैब की स्थापना की जाएगी।
विवि के कुलसचिव नन्द लाल सिंह और संमोक्षा के सीईओ डॉ अशोक के दास ने विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक और मुख्य अतिथि अवनीश अवस्थी की उपस्थति में साझा पत्र हस्ताक्षरित किए। इस अवसर पर विवि के प्रतिकुलपति प्रो कैलाश नारायण, वित्त अधिकारी नरेन्द्र चौबे, आईईटी के निदेशक प्रो एचके पालीवाल, सीएएस के निदेशक प्रो मनीष गौड़, यूपीआईडी के निदेशक प्रो वीरेन्द्र पाठक, एफओए की डीन प्रो0 वंदना सहगल , समस्त डीन, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि में सोमवार को विद्या परिषद् की 57 बैठक विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जल्द शुरू होंगे सर्टिफिकेट कोर्स, बैठक में लिए गए निर्णय:
विवि पहली बार 1 से 3 माह के छोटी अवधि के सर्टिफिकेट कोर्सेज शुरू करने जा रहा है। इन कोर्सेज के द्वारा विवि के सम्बद्ध संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के कौशल विकास का कार्य सम्पादित किया जाएगा। तकनीकी और प्रबंधकीय उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं में सृजनात्मक कौशल के विकास में यह सर्टिफिकेशन कोर्सेज सहायक सिद्ध होंगे।
बैठक में तीन वर्षीय बेचलर ऑफ़ वोकेशनल कोर्सेज को शुरू करने के लिए हरी झंडी प्रदान की गयी| बी-वाक पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों को व्यवहारिक और प्रयोगात्मक क्लासेस अधिक से अधिक संचालित करने की स्वायत्ता होगी। इंडस्ट्री ओरिएंटेड बी-वाक में छात्र-छात्राएं लाइव प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर सकेंगे। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के क्रम में इस तरह के कोर्सेज के संचालन को अनुमोदन प्रदान किया गया है।
विद्या परिषद् में छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। इस क्रम में विवि अपने सम्बद्ध संस्थानों में अध्ययन कर रहे उन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करेगा जो वार्षिक परीक्षा परिणाम में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करेंगे। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 15 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।
राज्य प्रवेश परीक्षा के रैंक होल्डर छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। इस बार से विवि राज्य प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक हांसिल करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क देने से मुक्त कर देगा| इसमें बीटेक में 500 रैंक तक, बीफार्म में 200 रैंक तक, बायोटेक में 100 रैंक तक और बीआर्क में 20 रैंक तक के विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में शतप्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी।
बैठक में अटल प्रोटोटाइप मेन्युफेक्चरिंग लैब की स्थापना को अनुमोदन प्रदान किया गया| इस लैब में विवि के सम्बद्ध संस्थानों के छात्र-छात्राएं इनोवेशन एवं प्रोटोटाइप विकसित कर सकेंगे| बैठक में मेरिट कम मीन्स स्कॉलरशिप को हरी झंडी प्रदान की गयी| इस स्कॉलरशिप के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को उनके सीजीपीए के आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी|
-इनोवेशन और इन्क्युबेशन को बढ़ावा देने के लिए एक 11 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड का गठन किए जाने पर सहमति बनी। जबकि ट्रेनिंग और प्लेसमेंट को गति प्रदान करने के लिए 15 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड के गठन पर भी सहमति बनी है।
-आगामी सत्र से विवि के परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने वाले गेट क्वालीफाई छात्र-छात्राओं को विवि एआईसीटीई के नियमों अनुसार छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। -फैकल्टी ऑफ़ आर्किटेक्चर में उच्चतर स्तर के शैक्षिक मानकों को अपनाने के लिए प्रथक बोर्ड ऑफ़ स्टडीज के गठन पर भी अनुमोदन प्रदान किया गया।
-ई-रिसोर्स कंसोर्टियम के विकास को सहमति से पास किया गया। विवि अपने सम्बद्ध संस्थानों की छात्र-छात्राओं को अब ई-रिसोर्सेज की सुविधा मुहिया करवाएगा। -बैठक में आईईटी और एफओए को निर्देशित किया गया कि वह अपने समस्त परीक्षा परिणामों के टेबुलेशन रजिस्टर्स का अतिशीघ्र डिजिटलीकरण करवाएं।