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AKTU वीसी ने जारी किया AICTE का पत्र, नहीं होगी कोई जांच

locationलखनऊPublished: Jun 26, 2018 11:33:59 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

भ्रष्टाचार और साहित्यिक चोरी के आरोपों से घिरे एकेटीयू वीसी प्रो.विनय पाठक ने मंगलवार को अपने पक्ष में आए एआईसीटीई के जवाबी पत्र को सार्वजनिक किया।

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विवादों में घिरने के बाद AKTU वीसी ने जारी किया AICTE का पत्र, अब नहीं होगी जांच

लखनऊ. भ्रष्टाचार और साहित्यिक चोरी के आरोपों से घिरे एकेटीयू वीसी प्रो.विनय पाठक ने मंगलवार को अपने पक्ष में आए एआईसीटीई के जवाबी पत्र को सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई की ओर से किसी जांच की बात नहीं कही गई, ये जवाबी पत्र में साबित होता है। बता दें कि उन पर अब साहित्यिक चोरी का आरोप लगा था। इस आरोप पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र लिखा है उसमें जांच की बात कही गई थी। हालांकि कुलपति ने इन सभी आरोपों को अपने खिलाफ साजिश बताया। उन्होंने कहा कि जुलाई में वीसी के सेकेंड टर्म के लिए इंटरव्यू है। ऐसे में यह सब इसीलिए किया जा रहा है ताकि छवि खराब की जा सके। इसके अलावा कुलपति ने मंगलवार को एक डॉक्यूमेंट जारी किया जिसमें एआईसीटीई की ओर से पत्र लिखे जाने की बात तो कबूली गई है लेकिन फिलहाल इस मामले में जांच नहीं होगी।
वीसी की ओर से जारी किए गए पत्र में लिखा है-

कृपया AICTE के द्वारा यूजीसी को भेजे गए पत्र संख्या F.NO.13/AICTE/PGRC/MHRD/2018/4949 Dated 14.06.2018 का सन्दर्भ ग्रहण करें| इस सिलसिले में मैंने 25 जून 2018 को AICTE को पत्र भेजकर इस सन्दर्भ में स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया था|
मेरे पत्र के जवाब में AICTE के एडवाइजर प्रोफ़ेसर राजीव कुमार की ओर से भेजे गए पत्र में साफ़ कहा गया है कि मेरे खिलाफ AICTE की ओर से किसी भी तरह की जाँच की संस्तुति नहीं की गई है| न ही साहित्यिक चोरी से सम्बंधित किसी मामले पर AICTE ने जाँच कराया है| विगत कुछ दिनों से विरोधी तत्वों द्वारा लगातार मेरी व्यक्तिगत, विवि और प्राविधिक शिक्षा विभाग की छवि धूमिल करने के प्रयास किये जा रहे हैं|
AICTE की और भेजे गए पत्र के मुताबिक इस महत्वपूर्ण संस्था के पास मेरे खिलाफ कोई ऐसे तथ्यात्मक आधार नहीं है, जिस पर किसी तरह की जाँच कराने की जरूरत महसूस हो| AICTE ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि आप के खिलाफ अभियोग पत्र जारी करने का कोई आधार नहीं है। यह जरुर है कि श्री विराट सिंह की ओर से भेजे गए पत्र को कार्यप्रणाली के तहत यूजीसी को भेजा गया है|
क्या है मामला

एकेटीयू के कुलपति प्रो.विनय पाठक पर आरोप था कि साल 2013 में वीसी प्रो. विनय पाठक ने लेखक रोहित कटियार और केवी आर्या के साथ संयुक्त रूप से एक शोधपत्र ‘अ स्टडी ऑन एग्जिस्टिंग गैट बायोमीट्रिक्स अप्रोच्स ऐंड चैलेंजेस’ को इंटरनैशनल जर्नल आफ कंप्यूटर साइंसेज में प्रकाशित करवाया गया। इसमें छपा कंटेंट साल 2005 में आईईईई सिग्नल प्रोसेसिंग मैगजीन में प्रकाशित शोध पत्र ‘गैट रिकॉग्निशन अ चैलेंजिंग सिग्नल प्रोसेसिंग टेक्नॉलजी फॉर बायोमीट्रिक आईडेंटिफिकेशन’ से हूबहू मेल खाता है। इस संबंध में विराट सिंह की ओर से एमएचआरडी में शिकायत की गई थी। इस पर एआईसीटीई ने यूजीसी को पत्र लिखा। अब एआईसीटीई के पत्र से साबित हो गया है कि फिलहाल कोई जांच एकेटीयू वीसी की नहीं होगी।

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