फिर अलर्ट मोड में यूपी, 200 की जान लेने के बाद भी टला नहीं है ख़तरा
उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान के कहर से एक महीने के भीतर 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान के कहर से एक महीने के भीतर 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके अभी संकट टला नहीं है। मौसम विभाग ने 18 मई तक के लिए अलर्ट जारी किया है और एक बार फिर से आंधी-तूफान के आने की आशंका जताई है। हर बार अलर्ट जारी होने के बाद भी आपदाओं में मौतों की संख्या पर रोक नहीं लगाईं जा सकी है। आंधी-तूफान को लेकर हर बार मौसम विभाग ने पूर्व में ही अनुमान जाहिर कर दिया था लेकिन सूचना को गंभीरता से नहीं लिया गया और पूरे प्रदेश में इस कहर से 2 मई को 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
पश्चिमी यूपी पर अधिक असर
आंधी-तूफान ने सबसे अधिक असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिखाया है। 2 मई को आये तूफान से जहाँ प्रदेश में 100 से अधिक मौतें हुई थी तो अकेले आगरा में 53 से अधिक लोगों ने जान गँवाई थी। इस घटना के बाद एक बार फिर तूफान ने अपना कहर दिखाया और 9 मई की रात पूरे प्रदेश में फिर से आंधी ने 16 से अधिक लोगों की जान ले ली। इस घटना में लगभग 30 लोग जख्मी भी हुए और लोगों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके बाद एक बार फिर तूफान ने कहर दिखाया 13 मई की रात को। पूरे प्रदेश में आंधी-तूफान से जुड़ी घटनाओं के कारण 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस महीने में अब तक अलग-अलग घटनाओं में 200 से अधिक लोगों की मौत का अनुमान है।
क्यों आ रहे हैं तूफान
मौसम विभाग से जुड़े जानकार बताते हैं कि उत्तर भारत में चलने वाले पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं के कारण यह तूफान के बवंडर उठ रहे हैं। चक्रवाती हवाओं का असर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगातार बना हुआ है। आंध- बारिश के साथ आ रहे बार-बार तूफान इन तीन राज्यों को सबसे अधिक निशाना बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में भी पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बनी हुई है। उत्तरी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में चक्रवाती हवाएं चल रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवा के बीच संपर्क हो जाने के कारण तूफान के बवंडर के साथ गरजने वाले बादलों का निर्माण हो रहा है और इसका असर पूर्वी भारत तक दिखाई देगा।
18 मई तक अलर्ट
मौसम विभाग ने अब एक बार फिर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 18 मई तक एक बार फिर तूफान और तेज हवाएं अपना कहर बरपा सकती हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सरकार ने भी जिला स्तर पर अफसरों को अपनी तैयारी पूरी रखने के साथ ही लोगों के बीच सावधानियों के प्रचार-प्रसार को कहा है। पिछली घटनाओं में हुए प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के काम के साथ ही इस बात की भी तैयारी सरकारी स्तर पर लगातार जारी है कि किसी तरह की बड़ी आपदा की स्थिति में उससे किस तरह से निपटा जाये।
प्रशासनिक उदासीनता से अधिक नुकसान
मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज करना जानमाल के नुकसान का बड़ा कारण बना है। मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से न लेने के कारण पहले चरण के तूफान से पहले किसी तरह की तैयारी नहीं की गई। उसके बाद भी मौसम विभाग के अलर्ट को लेकर जिला स्तर पर अफसरों ने जनता तक सूचनाओं को पहुंचाने और प्रचार-प्रसार में तत्परता नहीं दिखाई बल्कि अधिकांश जगहों पर माहौल यह रहा कि अफसर घटना का इन्तजार करते दिखे। इसी का नतीजा है कि इस महीने तीन बार आये आंधी-तूफान में 200 लोगों से अधिक की जान जा चुकी है। इन सबके बीच सरकार ने अफसरों के पेंच कसे हैं और हादसों के बाद जनता भी अलर्ट मूड में है। बावजूद इसके आपदा में जनहानि न हो, इस बात का प्रबंधन सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
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