शासनादेश में कहा गया है कि महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती और शिवरात्रि के महापर्व की तरह टीएल वासवानी की जयंती पर भी मांस की दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिसे सभी लोगों को मानना जरुरी है।
साधु वासवानी कौन थें?
टीएल वासवानी एक साधू थे, इनका पूरा नाम थांवरदास लीलाराम वासवानी है। इनका जन्म 25 नवंबर 1879 को हुआ था। इनकी मृत्यु 16 जनवरी 1966 हुआ था। यह भारत के शिक्षा शास्त्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
टीएल वासवानी एक साधू थे, इनका पूरा नाम थांवरदास लीलाराम वासवानी है। इनका जन्म 25 नवंबर 1879 को हुआ था। इनकी मृत्यु 16 जनवरी 1966 हुआ था। यह भारत के शिक्षा शास्त्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
वासनानी ने में मीरा आन्दोलन चलाया था। टीएल वासनानी ने जीव हत्या को रोकने के लिए काफी काम किया था। उन्होंने यूरोप में भी हिन्दू धर्म का प्रचार किया था। साधु टीएल वासवानी ने उच्च शिक्षा लेने के बाद सरकारी नौकरी को छोड़कर कम आयु में ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे। उन्होंने बर्लिन देश में वासवानी ने भारत के प्रतिनिधि के तौर पर विश्वधार्मिक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। जहां वासनानी ने अपने प्रभावशाली भाषण में भारत के बारे में बताया था। उस समय उनकी उम्र बस 30 साल की थी।