उल्लेखनीय है कि मानव रहित रेलवे क्रासिंग हादसे के बाद चौतरफा रेलवे विभाग पर सवाल खड़े हो रहे थे। यही कारण है कि अवकाश के दिन भी डीआरएम सतीश कुमार ने अफसरों की बैठक कर उनसे मानवरहित क्रॉसिंग बंद करने के लिए अपने लक्ष्य पर फिर से विचार करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत में लक्ष्य समय से पूरा करना होगा।
बैठक में उन्होंने जिम्मेदार अफसरों से कहा है कि वह ऐक्शन प्लान तैयार कर रेलवे बोर्ड की तय सीमा 2020 से पहले ही सभी मानवरहित फाटकों को बंद कर वैकल्पिक करें। उत्तर प्रदेश में ही बड़ी संख्या में रेलवे क्रासिंग मानव रहित हैं। प्रदेश सरकार के अधिकारी कई बार केन्द्र सरकार और रेलवे बोर्ड को अपना प्रस्ताव भेजते रहते हैं, लेकिन मानव रहित रेलवे क्रासिंग बंद नहीं की गईं। अब कुछ सक्रियता दिख रही है।
सड़कों का चैड़ीकरण कराया जाये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्देश दिये कि सफाई कर्मचारियों की फील्ड में उपस्थिति की नियमित रूप से जांच की जाये तथा अनुपस्थित पाये जाने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि गोरखपुर के चतुर्मुखी विकास के लिए कार्ययोजना बनाई जाये तथा सड़कों का चैड़ीकरण कराया जाये। उन्होंने कहा कि शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। इसके लिए व्यापारी, उद्यमी तथा नगर निगम के अधिकारी बैठक कर एक विस्तृत कार्ययोजना बनायें और शहर को अतिक्रमण से मुक्त करायें।
मुख्यमंत्री ने डेªनेज सिस्टम, जलभराव के निस्तारण तथा अमृत योजना के तहत विभिन्न कार्यों पर तेजी से कार्य करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने बिजली के तारों को अण्डरग्राउण्ड करने, मल्टीलेवल पार्किंग स्थापित करने, पटरी व्यावसाइयों के पुनर्वास तथा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराने के सम्बन्ध में नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने डेªनेज सिस्टम, जलभराव के निस्तारण तथा अमृत योजना के तहत विभिन्न कार्यों पर तेजी से कार्य करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने बिजली के तारों को अण्डरग्राउण्ड करने, मल्टीलेवल पार्किंग स्थापित करने, पटरी व्यावसाइयों के पुनर्वास तथा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराने के सम्बन्ध में नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये।