दरअसल, उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लागू किए गिए लॉकडाउन के कारण छात्राओं की कक्षाएं समय से शुरू नहीं हो पाई। इसलिए सभी विवि और डिग्री कॉलेजों के छात्रों का कोर्स काफी पीछे रह गया है और ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चों की पढ़ाई रफ्तार धीमी रही है। इसलिए इस बार विवि और डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं मार्च माह में न होकर अप्रैल-मई में कराने का फैसला लिया गया है। जिसके इन परीक्षाओं के परिणामों को 15 जून तक घोषित करने का फैसला लिया गया है।
इसके साथ ही सरकार द्वारा जारी किए गए शैक्षिक कलेंडर के हिसाब से सभी शिक्षकों को कोर्स पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं तो वहीं शिक्षकों ने भी कोर्स जल्दी पूरा कराने से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में अब शिक्षकों को परेशानी शुरू हो गई है क्योंकि एक तो वैसे भी इस साल पढ़ाई का सत्र देर से शुरू हुआ है और सभी शिक्षकों को जल्दी कोर्स पूरा कराने के निर्देश भी दे दिए गए है। अब शिक्षकों को परीक्षाएं शुरू होने से पहले कोर्स पूरा कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
जनवरी में यूपी बोर्ड के स्कूलों की प्रो बोर्ड परीक्षाएं
यूपी बोर्ड के स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षा जनवरी माह में शुरू हो जाएगी। फरवरी में बोर्ड को प्रयोगात्मक परीक्षाएं करानी हैं। जबकि सभी स्कूलों को दो बार प्री-बोर्ड परीक्षाएं करानी हैं ताकि छात्रों की अच्छी तरह तैयारी हो जाए। पहली प्री-बोर्ड परीक्षा में छात्रों की कमजोरियों व मजबूती का पता चल जाएगा। इसके बाद दूसरी प्री-बोर्ड परीक्षा में उनका सही आंकलन हो सकेगा। फरवरी के पहले और दूसरे हफ्ते में प्रयोगात्मक परीक्षाएं होंगी। बोर्ड परीक्षा संभवत: मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल से प्रारंभ होगी। प्री-बोर्ड परीक्षाएं जनवरी में शुरू और फरवरी समाप्त होगी।