कोर्ट ने की यह टिप्पणी याचिका में कहा गया था कि 16 अक्टूबर 2018 को राज्य सरकार ने इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है। लिहाजा इलाहाबाद हाईकोर्ट का नाम भी बदला जाना चाहिए। हालांकि, न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत हाईकोर्ट का नाम विधायिका के अधिकार क्षेत्र का विषय है। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि हम याची पर हर्जाना लगाने से खुद को रोक रहे हैं क्योंकि वह इस न्यायालय का एक कार्यरत अधिवक्ता है। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिका को खारिज कर दिया।
योगी सरकार ने बदला था नाम आपको बता दें कि साल 2017 में यूपी की सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार ने मुख्यमंत्री ने 13 अक्टूबर को इलाहाबाद में आयोजित कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का ऐलान किया था। इसके बाद 16 अक्टूबर को इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हुआ था।