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निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाने के मामले में हाईकोर्ट में दी अर्जी, कहा समझें हमारी परेशानी, शिक्षकों को देनी है बढ़ी हुई सैलरी

locationलखनऊPublished: Jun 03, 2020 10:05:17 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि 15 जून से शुरू होने वाले सप्ताह में याचिका पेश की जाए। लॉकडाउन हटा दिया गया है और राज्य सरकार ने 7 अप्रैल, 2020 के शासनादेश से लॉक डाउन अवधि में फीस न जमा करने वाले छात्रों का नाम न काटने का निर्देश जारी किया है

निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाने के मामले में हाईकोर्ट में दी अर्जी, कहा समझें हमारी परेशानी, शिक्षकों को देनी है बढ़ी हुई सैलरी

निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाने के मामले में हाईकोर्ट में दी अर्जी, कहा समझें हमारी परेशानी, शिक्षकों को देनी है बढ़ी हुई सैलरी

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी की मांग पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 जून तक टाल दी है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि 15 जून से शुरू होने वाले सप्ताह में याचिका पेश की जाए। लॉकडाउन हटा दिया गया है और राज्य सरकार ने 7 अप्रैल, 2020 के शासनादेश से लॉक डाउन अवधि में फीस न जमा करने वाले छात्रों का नाम न काटने का निर्देश जारी किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता आदर्श भूषण की जनहित याचिका पर दिया है। उधर, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पहले ही आदेश जारी किया था कि किसी भी तरह की फीस नहीं बढाई जाएगी। अगर स्कूल प्रबंधक फीस बढ़ाते हैं, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी और स्कूल को भारी जुर्माना देना होगा।
सरकार समझे स्कूल की परेशानी

प्राइवेट स्कूलों ने कांग्रेस के प्रवक्ता कपिल सिब्बल को अपना वकील तय किया है और यह लोग हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने के मूड में है लेकिन कोरोना के संकट काल में फीस बढ़ाने को लेकर आमादा भी हैं। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल, यूपी के प्रेसिडेंट अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि हम अभिभावकों की परेशानी समझ रहे हैं लेकिन सरकार को हमारी भी परेशानी समझनी चाहिए। हम ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं। हम लगातार लॉकडाउन के बाद भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं और जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक बच्चों को पढ़ाते भी रहेंगे, हमें शिक्षकों को बढ़ी हुई सैलरी भी देनी है।
अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि हमे स्कूलों के खर्चे भी मेंटेन करने होते हैं। अगर हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं तो फीस बढ़ाने के हमारे अधिकार हमारे पास होने चाहिए। सरकार जैसे दूसरे क्षेत्रों को मदद कर रही है वैसे हमें भी मदद करें हमें भी अनुदान दे या फिर अभिभावकों को कुछ अनुदान दे ताकि हमारे स्कूल भी चल सके। अगर हम शिक्षकों की सैलरी नहीं बढ़ाएंगे तो हम अच्छे शिक्षकों को रोक नहीं पाएंगे इसलिए हम लोगों ने फीस बढ़ाने के अपने अधिकार को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल उत्तर प्रदेश में 1200 से ज्यादा पूरे प्रदेश भर के बड़े और छोटे स्कूल हैं जिन्होंने सरकार के फीस न बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी है।
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