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भ्रष्टाचार के साए में AKTU, कुलपति विनय पाठक पर गंभीर आरोप वाला पत्र वायरल!

locationलखनऊPublished: Jun 22, 2018 05:57:37 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

AKTU के कुलपति प्रो. विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के आरोप….चिट्टी वायरल होने के बाद एमएलए का गोलमोल जवाब

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भ्रष्टाचार के साए में AKTU, कुलपति विनय पाठक पर गंभीर आरोप वाला पत्र वायरल!

लखनऊ. डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी(AKTU) के कुलपति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप बीजेपी विधायकों की ओर से लगाए गए हैं। सीतापुर के महोली विधायक शशांक त्रिवेदी की ओर से लिखी गई चिट्ठी कई वॉट्सऐप ग्रुपों पर वायरल हो रही है। इस चिट्ठी में एकेटीयू वीसी विनय पाठक पर 200 करोड़ के भृष्टाचार और नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोप हैं। इसके अलावा एक समााचार चैनल का दावा है कि फर्रुखाबाद सदर के विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी की ओर से भी शिकायती पत्र लिखा गया है। हालांकि अब दोनों विधायक मीडिया से बात करने से बच रहे हैं।
क्या है मामला

एक हिंदी समाचार चैनल का दावा है कियूपी के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी विश्वविद्यालय के वीसी पर भृष्टाचार के कई गम्भीर आरोप लगे हैं। एकेटीयू वीसी विनय पाठक पर 200 करोड़ के भृष्टाचार और नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोप हैं। ये आरोप भाजपा विधायकों ने लगाए हैं। चैनल के मतुाबिक, डिप्लोमा इंजीनियर्स के पद पर डिग्री धारकों की गलत तरह से तैनाती की गई है।यहां तक की विनियमितीकरण में शासनादेश तक पर रख कर की जमकर धांधली की गई है। विनय पाठक ने नियमों को ताक पर रख कर एके सिंह को डिप्टी रजिस्टार बनवाया है। इसके अलावा विधायकों का आरोप है कि कार्यदाई संस्थाओं के अफसरों से मिलकर विनय पाठक कमीशनबाजी कर रहे हैं।
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जानें क्या बोले विधायक

जब पत्रिका ने दोनों विधायकों से बात की तो गोल-मोल जवाब मिला। सीतापुर के महोली विधायक शशांक त्रिवेदी ने कहा कि वे पता कर रहे हैं कि चिट्ठी वॉट्सऐप पर कैसे वायरल हो गई। क्या किसी और ने उनके लेटर पैड का इस्तेमाल किया, इस सवाल के जवाब में वे चुप रहे और कहने लगे कि पता करके बताएंगे। वहीं फर्रुखाबाद सदर के विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने कहा कि छात्र अक्सर अपनी समस्याएं लेकर आते हैं जिसका निपटारा करने के लिए वे हर संभव प्रयास करते हैं। हो सकता है उन्होंने कभी वीसी के खिलाफ पत्र लिखा हो लेकिन फिलहान उन्हें कुछ ध्यान नहीं।

विधायक अब क्यों दे रहे गोलमोल जवाब!

एकेटीयू वीसी डॉ.विनय पाठक का कहना है कि अगर उनके खिलाफ आरोप सही हैं तो आरोप लगाने वाले विधायक मीडिया के सामने अब क्यों नहीं अपनी बात रख रहे हैं। दरअसल एक कर्मचारी के ट्रांसफर के बाद ये मुद्दा अचानक उठा है। उनके मुताबिक, इस बात का पता करना चाहिए की ट्रासंफर किए गए कर्मचारी का विधायक से क्या संबंध हैं। उनके ऑफिस में पीके मिश्रा थे जिनका विनियमितीकरण क्लर्क पद पर किया गया था. उन्होंने जेई के पद पर प्रमोशन की मांग की थी जो नहीं किया जा सकता था, यह मामला शासन को भेज दिया है. वीसी ने बताया कि उनके ऊपर कई आरोप थे, जिनमें बेनामी संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। जिस पर उनका तबादला नोएडा कर दिया गया। इस शिकायत के पीछे उनका हाथ हो सकता है।
इससे पहले भी लग चुके हैं आरोप

विवादों से एकेटीयू वीसी का पुराना नाता है। इससे पहले पिछले दिनों अनुभव का फर्जी प्रमाणपत्र लगाने के आरोप पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया था। याचिका में पाठक पर आरोप लगाया गया है कि विनय कुमार पाठक ने उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी में कुलपति पद हासिल करने के लिए वर्ष 2009 में दिए अपने बॉयोडाटा में खुद को 18 जनवरी 2006 से प्रफेसर होना बताया है। जबकि वह 2006 में प्रफेसर के पद पर एचबीटीयू कानपुर में नियुक्त हुए। यह फर्जी अनुभव दर्शाने का मामला है। इसी आधार पर वह वर्धमान ओपन यूनिवर्सिटी, कोटा, राजस्थान में वर्ष 2013 में कुलपति के पद पर नियुक्त किए गए।
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