अमर सिंह ने कहा कि हम तो नदी नाले है, कांग्रेस तो समुद्र है। इसका मुझे अहसास हो चुका है।
लखनऊ. यूपी चुनाव से पहले जहां एक तरफ अखिलेश कांग्रेस के साथ मिलकर 300 सीटों पर जीत दर्ज करने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अंकल अमर उनकी इस इच्छा पर कटाक्ष करने में लगे हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस से गठबंधन पर अखिलेश ‘बाहरी’ लोगों से कुछ बातें छिपा कर रखना चाहते हैं तो वहीं अमर सिंह उन्हें बिना मांगा ज्ञान देने में लगे हैं। दरअसल कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चा इस समय चारों तरफ फैसली हुई है। लेकिन इस बीच अमर सिंह ने कांग्रेस का साथ देने के पुराने अनुभव को कड़वा बताया है। उन्होंने कहा कि है कि उन्हें और नेता जी को कांग्रेस के साथ जो अनुभव हुआ था शायद अखिलेश को उस बारे में पता नहीं, इसीलिए वे कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं। अखिलेश को उन अनुभवों के बारे में जान लेना चाहिए।
कांग्रेस समुद्र, हम नदी-नाले
अमर सिंह ने इस गठबंधन पर आगे बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का हाथ जिसने भी थामा, उसका हाथ चला गया। 2008 में हमने कांग्रेस की यूपीए सरकार को समर्थन देकर बचाया था। उसकी कीमत हमें तिहाड़ जेल जाकर चुकानी पड़ी थी। अमर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बड़े व्यक्ति हैं, बड़े पद पर हैं और उनको काफी अनुभव है। मगर मुलायम सिंह यादव और मेरा कांग्रेस के साथ जाने का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। अमर सिंह ने कहा कि रालोद नेता अजित सिंह ने 2008 में विश्वास मत के दौरान भाजपा को वोट दिया। मगर यूपीए दो में उनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया और हमने तिहाड़ जेल की हवा खाई। शायद अखिलेश को इसका अनुभव नहीं है। अमर सिंह ने कहा कि हम तो नदी नाले है, कांग्रेस तो समुद्र है। इसका मुझे अहसास हो चुका है।
अखिलेश चाहते हैं गठबंधन
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। बस चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि अभी कांग्रेस और सपा का नेता कोई टिप्पणी करने से बच रहा है। हालांकि इस गठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी रजामंदी जता चुके हैं। सार्वजनिक तौर पर अखिलेश यादव खुद स्वीकार कर चुके हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में सबसे ज्यादा फायदा समाजवादी पार्टी को ही होगा। अखिलेश पहले ही कह चुके हैं कि वैसे तो समाजवादी पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने जा ही रही है लेकिन अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो यह आंकड़ा 300 सीटों के पार चला जाएगा।