वे बताते हैं कि हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें। एेसा करने से घर धन-धान्य से भर जाएगा। जरूरत मंदों को दान अवश्य दें। एेसा करने से मन चाहे फल की प्राप्ति होगी। उड़द की छिलके वाली दाल, काला कपड़ा, तला हुआ पदार्थ एवं दूध गरीबों में दान करें, एेसा करने से शनि की कुदृष्टि व पितृदोष से छुटकारा मिल जाएगा।
ये काम न करें अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है। किसी भी भिक्षुक को घर से खाली हाथ न जाने दें।अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।
अमावस्या के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। अमावस्या वाले दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करने के बाद सूर्य देवता को जल जरूर चढ़ाएं। अमावस्या पर भूत-प्रेत, अशुभ साया, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं। इसकी वजह से हमारे चारो ओर नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती है इसलिए अमावस्या की रात को किसी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए खासतौर पर शमशान की तरफ तो भूलकर भी नहीं जाना चाहिए।
अमावस्या समय ग्रहण का समय: ग्रहण 13 जुलाई को भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 18 मिनट 23 सेकंड से शुरू होगा, जो कि 8 बजकर 13 मिनट 5 सेकंड तक रहेगा।