ये भी पढ़ें- पीडब्ल्यूडी विभाग में 50 करोड़ का घोटाला, सीएम योगी को सौंपी गई रिपोर्ट सीएए में नागरिकता लेने का नहीं, देने का प्रावधान है- रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इस बिल को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, बसपा, सपा और कम्युनिस्ट पार्टियां कांव-कांव चिल्ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने इस बिल को संसद में पेश किया है। मैं चुनौती देता हूं कि इस बिल में की किसी भी धारा में अगर किसी शख्स की नागरिकता छीनने की बात है तो मुझेदिखाएं। अमित शाह ने कहा कि देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें केवल नागरिकता देने का प्रावधान है। मैं लखनऊ की धरती पर आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है वह करे, लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है।
ये भी पढ़ें- पंयायत चुनाव के प्रत्याशियों को 2022 विधानसभा चुनाव में मौका देगी यह पार्टी, बैठक में किया गया ऐलान महात्मा गांधी ने उन्हें नागरिकता देनी चाहिए- गृहमंत्री ने कहा कि 1947 में महात्मा गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं। उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए। नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो जरूरी हो वो करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।
100-100 हेक्टेयर के मालिक आज भीख मांग रहे हैं- अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं कि आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो 100-100 हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।
हमारा स्वतंत्र देव चर्चा के लिए तैयार- उन्होंने कहा ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव सीएए पर चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देव चर्चा करने के लिए तैयार है। सीएए की कोई भी धारा, मुसलमान छोड़ दीजिए, अल्पसंख्यक छोड़ दीजिए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकती है तो वह मुझे दिखा दीजिए।