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कांग्रेस को गढ़ में घेरने की तैयारी: रायबरेली आएंगे अमित शाह, सोनिया-राहुल के खिलाफ बनाएंगे ‘मास्टरप्लान’

locationलखनऊPublished: Apr 20, 2018 01:23:10 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

अमित शाह का मिशन रायबरेली…कांग्रेस को गढ़ में घेरने की तैयारी: रायबरेली आएंगे अमित शाह, सोनिया-राहुल के खिलाफ बनाएंगे ‘मास्टरप्लान’

amit shah
लखनऊ. मिशन 2019 के लिए अमित शाह ने कमर कस ली है। कांग्रेस को उसी के गढ़ में घेरने के लिए वह 21 अप्रैल को रायबरेली आ रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस से नाराज चल रहे एमएलसी दिनेश सिंह अपने विधायक भाई राकेश प्रताप सिंह और जिला पंचायत अवधेश प्रताप सिंह के साथ पार्टी को अलविदा कहेंगे। इस दौरान अमित शाह सोनिया-राहुल के लिए रायबरेली-अमेठी में जीत की राह कठिन करने का मास्टर प्लान भी तैयार करेंगे। उनकी ये रैली कई मायनों में अहम मानी जा रही है।
रायबरेली से कर्नाटक तक संदेश देने की कोशिश

अमित शाह कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में रैली करके और वहां के प्रमुख कांग्रेसी परिवार के लोगों को बीजेपी में शामिल कराकर चुनावी राज्य कर्नाटक तक को राजनीतिक सन्देश दे देना चाहते हैं। शाह बताना चाहते हैं कि जब कांग्रेस के दो बड़े चेहरे सोनिया और राहुल के क्षेत्र में आम लोगों में ही नहीं खुद प्रमुख कांग्रेसी नेताओं में मौजूदा नेतृत्व को लेकर हताशा है तो उस पार्टी के नेता कर्नाटक या अन्य राज्यों में क्या भला करेंगे।
विधानसभा और निकाय चुनाव ने दी बीजेपी को उम्मीद

बीते विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव में रायबरेली व अमेठी में कांग्रेस कमजोर हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए अमित शाह कांग्रेस के गढ़ में बड़ी सेंध लगाने की कोशिश में हैं। अमित शाह की इस रैली का जिम्मा कभी जिले में कांग्रेस का ठिकाना रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के घर ‘पंचवटी’ के हाथ में हैं. एमएलसी सपरिवार बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। लिहाजा, पूरा परिवार रैली की तैयारियों में जुटा है। एमएलसी दिनेश सिंह शाह की रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं।

पहले घेरा अमेठी में, अब रायबरेली की बारी

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अमेठी में स्मृति ईरानी को मैदान मेॆ उतारकर राहुल गांधी को घेरने की कोशिश की थी। इस बार उसी तर्ज पर अब बीजेपी रायबरेली में ऐसी ही चुनौती पेश करने की तैयारी में जुट गई है। इसी के तहत बीजेपी आलाकमान रायबरेली का दौरे पर जा रहे हैं। वह रायबरेली के स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। उसी फीडबैक पर बीजेपी रायबरेली से सोनिया के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी खड़ा कर सकती है।
दिनेश सिंह सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ने के लिए भी तैयारी

दिनेश सिंह रायबरेली की सियासत में एक बड़ा चेहरा हैं। वो जहां खुद एमएलसी हैं तो उनके एक भाई हरचंद्रपुर से विधायक और एक भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। तीनों ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है।एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस छोड़ने की पूरी तरह से घोषणा कर दी। वह सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। कहा कि भाई राकेश सिंह के लिए हरचंदपुर विधानसभा सीट से टिकट मांगने गया था तो प्रियंका गांधी ने उनसे एमएलसी पद का इस्तीफा तक लिखवा लिया था।पत्रकारों से एमएलसी दिनेश सिंह ने कहा कि उन्होंने पूरी निष्ठा से कांग्रेस की सेवा की, लेकिन उनके मैनेजरों के कारण उनका शोषण किया गया।

कांग्रेस छोड़ने का बताया कारण

एमएलसी ने कहा कि हरचंदपुर से उनके भाई राकेश सिंह को बीजेपी टिकट दे रही थी, लेकिन उन्होंने बीजेपी का टिकट लेने से इन्कार कर कांग्रेस से टिकट मांगा तो दिल्ली में बुलवाकर प्रियंका वाड्रा ने एमएलसी पद से हमारा इस्तीफा तक लिखवा लिया था।उन्होंने सोनिया के प्रतिनिधि केएल शर्मा पर हमला करते हुए कहा कि प्राइवेट सेक्टर कंपनी गांधी परिवार के लिए काम कर रही है। एमएलसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोगों द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सदस्यों को रुपये हमसे दिलवाया, लेकिन वोट दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को दिलाया।
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