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2019 में सपा-बसपा के गठजोड़ को इस तरह ध्वस्त करेंगे अमित शाह, बनाया बड़ा प्लान

locationलखनऊPublished: Apr 29, 2018 09:32:42 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

सपा-बसपा के गठजोड़ से फूलपुर-गोरखपुर में मिली जीत से विपक्षी पार्टियों को भाजपा को घेरने का बड़ा मौका मिल गया है।
 

Amit Shahwill destroy
लखनऊ. भाजपा के लिए 2019 की राह यूपी में अभी तो आसान नहीं दिख रही है। जिस तरह से सपा और बसपा के गठजोड़ ने भाजपा के लिए यहां चुनौती पेश कर दी है उससे तो बीजेपी की यूपी में परेशानियां बढ़ती दिख रही हैं। हाल ही में गोरखपुर और फूलपुर में लोकसभा के हुए उप चुनावों में जिस तरह से बसपा के समर्थन से सपा ने जीत का परचम लहराया उससे भाजपा की मुश्किलें आसान नहीं दिख रही हैं। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा को यह हार अपने गढ़ गोरखपुर में मिली।
भाजपा को घेरने में जुट गईं हैं
गोरखपुर को भाजपा का सबसे सुरक्षित सीट माना जाता था यहां से लगातार बीजेपी अपनी जीत का परचम लहराती आ रही थी। दोनों सीटों पर मिली हार ने भाजपा को झकझोर कर रख दिया है। वहीं भाजपा को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है। यहां मिली सपा की जीत के बाद समाजवादी पार्टी और बसपा सहित विपक्षी पार्टियों को एक बड़ा बल मिला है। इसके बाद पूरे देश में विरोधी पार्टियां एकजुट हो कर भाजपा को घेरने में जुट गईं हैं।
अमित शाह ने निकाल लिया है तोड़
अब यहां सवाल यह उठना लाजमी है कि भाजपा इसकी किस तरह से काट करेगी और क्या कर रही है। वहीं राजनैतिक पर्यवेक्षकों की नजरें भी अब इस तरफ लग गई हैं कि आखिर भाजपा की लोकसभा चुनावों में रणनीति क्या होगी? ऐसे खबरें आने की चर्चा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन का तोड़ निकाल लिया है।
ये है भाजपा की चाल
सत्ता के गलियारों में इस बात की चर्चाएं जोरों पर हैं कि सपा और बसपा गठबंधन की काट निकालने के लिए भाजपा सरकार १७ अति पिछड़ी जातियों को जिसमें राजभर, निषाद, मल्लाह और कुम्हार आदि को अनुसूचित जाति में शामिल कर सकती है। यहां बता दें कि २०१४ के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इसका वादा भी किया था।
अब जब यूपी में सपा और बसपा ने गठबंधन कर लिया है तो भाजपा भी पीछे हटने वाली नहीं है वह भी अब अपने वादे को पूरा कर सपा-बसपा को मात देने में कोई कोर कसर नहीं छोडग़ी और अपना वादे पर जल्द ही अमल भी कर सकती है। भारत की राजनीति में उत्तर प्रदेश कहा जाए की सबसे अहम राज है तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी। अकेले यूपी से ही 80 लोकसभा सांसद चुने जाते हैं। ऐसे में यूपी के लिए भाजपा अपनी अलग रणनीति बना सकती है। सूत्रों की माने तो भाजपा अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी जातियों को मिलने वाले आरक्षण में उप-कोटा तय कर सकती है।
यादव ही लेते हैं इसका सबसे अधिक लाभ
अगर ऐसा होता है तो इसका प्रभाव यह होगा कि अन्य पिछड़ी जातियों में मिलने वाले आरक्षण का लाभ अति पिछड़ी जातियों को भी मिल सकेगा। जब कि अभी तक यादव ही इस आरक्षण का सबसे अधिक लाभ लेते रहे हैं। आपको बतादें कि यूपी में यादव समाजवादी पार्टी का सबसे मजबूत वोट बैंक माने जाते हैं। ऐसे में भाजपा को इसका सीधा लाभ मिल सकता है। देखा जाए तो इसी तरह अनुसूचित जातियों के मिलने वाले आरक्षण का लाभ अभी तक जाटवों को ज्यादा मिल रहा है, जो बसपा के पक्के वोट बैंक रहे हैं, लेकिन उप कोटा ? तय करने के बाद अति-अनुसूचित जातियों जैसे बाल्मिकी, पासी, धोबी आदि को भी आरक्षण का लाभ मिल सकता है। अब यहां यह तो तय है कि भाजपा सपा और बसपा के गठबंधन को मात देने के लिए इस काट को इस्तेमाल कर सकती है और लोकसभा चुनाव में इसको अपने पक्ष में इस्तेमाल भी कर सकती है।
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