ना तो कोई एंड्राइड मोबाइल मिला है और ना ही डाटा के लिए कोई पैसा मिलता है वीना गुप्ता ने बतायाकि पोषण मिशन को यह पुरस्कार हमारी आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर द्वारा केंद्रों पर किए जा रहे कार्यक्रमों जैसे गोद भराई अन्नप्राशन पंजीरी के विभिन्न प्रकार की डिश बनाकर बच्चों को बांटना की केंद्र की फोटो लगातार सोशल मीडिया पर शेयर करना आदि प्रचार प्रसार व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया पर किए जाने के कारण विभाग को मिला है । यह भी बात ध्यान देने की है की आंगनवाड़ी वर्कर को और हेल्पर को ना तो कोई एंड्राइड मोबाइल मिला है और ना ही डाटा के लिए कोई पैसा मिलता है इसके बावजूद उनकी अपनी मेहनत से और उनके द्वारा स्वयं खर्च से कार्यक्रम करने और और अपने ही खर्च से सोशल मीडिया पर प्रचार करने से विभाग को यह गौरव हासिल हुआ है इसकी असली हकदार आंगनवाड़ी वर्कर है।
मुख्यमंत्री से हैं अनुरोध
हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करते हैं पंजीरी की गुणवत्ता सुधारने , हॉट कुक, सप्लाई करने और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने, तथा आंगनवाड़ी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18000 देने आदि पर भी ध्यान दें ताकि उत्तर प्रदेश को सिर्फ प्रचार और प्रसार में ही नहीं बल्कि वास्तव में कुपोषण एनीमिया को मिटाने के लिए भी प्रथम पुरस्कार मिले यही हमारी कामना है।