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मौसम की बेरुखी और अन्ना जानवरों ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, खरीफ की बुआई प्रभावित

locationलखनऊPublished: Jul 25, 2018 01:03:49 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

अखिलेश यादव ने अन्ना जानवरों का उठाया मुद्दा, सरकार की तरफ से नहीं उठाये गये ठोस कदम…

anna animals

Ground Report : मुसीबत में किसान, गौवंश भी परेशान

Ground Report

हरिओम द्विवेदी

लखनऊ. मानसून की बेरुखी और अन्ना जानवरों की समस्या से उत्तर प्रदेश का किसान मुसीबत में है, वहीं भूख-प्यास व किसानों के हमले से हर दिन सैकड़ों गौवंश तड़प-तड़पकर मर जा रहे हैं। बुंदेलखंड के किसान नेता शिवनारायण परिहार कहते हैं कि उम्मीद थी कि योगी आदित्यनाथ सरकार गौवंशों के चारे-पानी और रहने की व्यवस्था करेगी। इससे एक तरफ जहां किसानों की फसल नुकसान होने से बच जाती, वहीं गौवंश भी सुरक्षित रहता, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। हर जिले में हजारों की संख्या में छुट्टा घूम रहे अन्ना जानवर किसानों की फसल चट कर जा रहे हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में कृषि योग्य जमीन परती पड़ी है। इसके अलावा सड़कों पर घूम रहे मवेशी कई बार मार्ग दुर्घटनाओं का भी कारण बनते हैं।
जिला कृषि अधिकारी अतींद्र सिंह ने बताया कि उन्नाव में करीब 1 लाख 88 हजार 208 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की खेती की जाती है, लेकिन जिले में घूम रहे लगभग 15000 अन्ना जानवर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अकेले उन्नाव ही नहीं समूचे बुंदेलखंड सहित कई जिलों का यही हाल है। अन्ना जानवरों के खौफ से कुछ किसानों तो फसल बोने से ही किनारा कर लिया है, वहीं कुछ किसानों खेत के चारों ओर ब्लेड युक्त व कटीले तार लगा रखे हैं। खेत में घुसने के प्रयास में बेजुबान इन तारों में फंसकर चोटिल हो जाते हैं। समुचित इलाज न मिल पाने से तड़प-तड़प कर मर रहे हैं।
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उन्नाव जिले के नौबस्ता जगजीवन पुर थाना अचलगंज निवासी रामखेलावन ने बताया कि जरा सी चूक होने पर अन्ना जानवर पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं। इनसे फसल बचाने के लिये उन्होंने कटीले तार लगाए गए हैं। इन तारों से फसलों का बचाव तो हो रहा है, लेकिन अंदर घुसने के प्रयास में जानवर गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। यह उनके लिए कष्टदायक है, लेकिन मजबूरी में ऐसा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इन जानवरों पर लगाम लगाने के बजाय किसानों को ही तार मुक्त खेत रखने पर जोर देता है।
हरदोई जिले के कोथावां ब्लॉक निवासी पंकज सिंह चौहान बताते हैं कि यहां धारदार तारों से कटकर रोजाना सैकड़ों गौवंश घायल हो रहे हैं। इन्हें बचाने न तो कोई राजनीतिक दल आता है और न ही कथित गौ भक्त। वह आगे बताते हैं कि धारदार तारों से कटकर गायों के शरीर पर बड़ा घाव हो जाता है, जिसमें कीड़े पड़ जाते हैं। इसके बाद गाय कुछ भी खाना छोड़ देती है और धीरे-धीरे घुट-घुट कर मरने को मजबूर हैं।
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बुन्देलखण्ड के चित्रकूट जिले में लगभग 28 से 30 हजार अन्ना मवेशी हैं जो खेतों खलिहानों में विचरण करते हुए फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। अन्ना जानवरों को रखने के लिए जनपद में कई पशु आश्रय स्थल तो हैं, लेकिन उनमें जानवरों की संख्या अधिक है। इसलिये उनका पेट भरने के लिए चारा पानी की व्यवस्था करने में कठिनाई होती है। इसलिये ये जानवर खुला घूम रहे हैं। मौसम की बेरुखी और अन्ना जानवरों के आतंक के चलते फैजाबाद जिले में करीब 80 हजार हेक्टेअर में बुआई नहीं हो सकी है, जबकि यहां खरीफ फसल की बुआई हेतु करीब ढ़ाई लाख हेक्टेयर रकबा है।
श्रावस्ती जिले के सोनवा क्षेत्र के किसान जंगली प्रसाद का कहना है कि प्रति वर्ष खेत खाली होने पर उनके द्वारा जायद में मक्के की खेती की जाती थी। लेकिन विगत तीन चार वर्षों से झुंडों में घूमने वाले मवेशियों द्वारा फसल को चट कर बर्बाद कर दिया जाता था। इस कारण जायद की खेती तो दूर अब खरीफ के मौसम में भी खेती किसानी करने से डर लगता है। किसान विजय कुमार बताते हैं कि प्रशासन को चाहिए कि वह पशुपालकों को चिह्नित कर अपने मवेशियों को छुट्टा छोड़ने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करे। साथ ही आवारा घूम रहे इन मवेशियों को गौशालाओं में सुरक्षित कराये।
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उत्तर प्रदेश में सूखे की मार
सूबे में सूखे की मार का असर दिखने लगा है। बीते वर्ष के मुकाबले अभी तक 10.38 लाख हेक्टेयर रकबे में कम बोआई हुई है। कई जिलों में तो मौसम की बेरुखी ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। किसान आसमान की ओर तक रहा है। बादल आते हैं और बिना बरसे ही चले जाते हैं। कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अभी तक 58.49 लाख हेक्टेयर रकबे में ही खरीफ फसलों की बुआई की जा सकी है, जबकि वर्ष 2017 में अब तक 68.87 हेक्टेयर रकबे की बुआई व रोपाई कर दी गई थी। कृषि विभाग 31 जुलाई के बाद फाइनल डाटा शेयर करेगा।
अखिलेश यादव ने उठाई अन्ना जानवरों की समस्या
खेतों में जब चरने के लिये कुछ नहीं मिलता है तो अन्ना जानवर सड़कों पर आ जाते हैं, जिसके चलते आये दिन लोग सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में सड़क पर घूमते अन्ना जानवरों की तस्वीर ट्वीट करते हुए इस समस्या की ओर ध्यान दिलाया था। उन्होंने लिखा था- एक तरफ वाहन चालकों की अनियंत्रित स्पीड और दूसरी तरफ़ लावारिस पशुओं की समस्या सड़कों पर दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है। सरकार को जनता में जागरूकता और सुरक्षा-संरक्षा के उपायों के लिए सक्रिय भूमिका निभानी ही चाहिए। ये देशवासियों के जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण व ज़रूरी विषय है।

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