जल पुरुष राजेंद्र सिंह होंगे रणनीतिकार
अन्ना हजारे के इस आंदोलन में जल पुरुष राजेंद्र सिंह सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी हिस्सेदारी रहेगी। दक्षिण भारत के गुरुस्वामी, महाराष्ट्र की प्रतिभा शिंदे सहित बहुत सारे ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे जो भ्रष्टाचार के अलावा किसानों की समस्याओं और पेजल व सिचाई के मुद्दों पर आंदोलन चला रहे हैं। इस आंदोलन में लोकपाल के साथ ही किसानों की ख़ुदकुशी, सूखा, किसानों का पलायन आदि विषय शामिल होंगे। जल पुरुष राजेंद्र सिंह 9 फरवरी को आगरा में बैठक कर आंदोलन की तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके साथ ही पूरे देश में इस तरह की बैठकों और सभाओं का आयोजन कर आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार होगी। अन्ना हज़ारे 12 फरवरी को आगरा में और 13 फरवरी को बुलंदशहर में जनसभाएं करेंगे।
अन्ना हजारे के इस आंदोलन में जल पुरुष राजेंद्र सिंह सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी हिस्सेदारी रहेगी। दक्षिण भारत के गुरुस्वामी, महाराष्ट्र की प्रतिभा शिंदे सहित बहुत सारे ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे जो भ्रष्टाचार के अलावा किसानों की समस्याओं और पेजल व सिचाई के मुद्दों पर आंदोलन चला रहे हैं। इस आंदोलन में लोकपाल के साथ ही किसानों की ख़ुदकुशी, सूखा, किसानों का पलायन आदि विषय शामिल होंगे। जल पुरुष राजेंद्र सिंह 9 फरवरी को आगरा में बैठक कर आंदोलन की तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके साथ ही पूरे देश में इस तरह की बैठकों और सभाओं का आयोजन कर आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार होगी। अन्ना हज़ारे 12 फरवरी को आगरा में और 13 फरवरी को बुलंदशहर में जनसभाएं करेंगे।
बुंदेलखंड की भी समस्याएं होंगी आंदोलन के केंद्र में जल पुरुष राजेंद्र सिंह के सहयोगी और उत्तर प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह बताते हैं कि आंदोलन से पूर्व पूरे देश में अन्ना हज़ारे का भ्रमण होगा। कई स्थानों पर राजेंद्र सिंह आंदोलन की भूमिका को लेकर बैठक करेंगे। मुख्य उद्द्येश्य है कि सभी आंदोलनकारी एक मंच पर आएं और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत आवाज के साथ एक बड़ी आवाज सरकार के सामने उठाई जा सके। पिछले आंदोलन से मिले सबक भी इस आंदोलन की रूपरेखा तैयार करते समय ध्यान में रखे जायेंगे और कोशिश होगी कि राजनीति से इस आंदोलन की दूरी बनी रहे। इस पूरे आंदोलन में उत्तर प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी क्योंकि बुंदेलखंड का दुष्काल और इस तरह की अन्य समस्याएं भी आंदोलन के केंद्र में होंगी।