गौरतलब है कि ये 13 सीटें विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के बाद खाली हुई हैं। केवल एक सीट ऐसी है, जहां से भाजपा विधायक को कोर्ट ने अयोग्य ठहरा दिया है, जिसकी वजह से वहां पर उपचुनाव कराया जाना है। अपना दल भाजपा की सहयोगी पार्टी है और भाजपा के बुरे समय में उसका साथ दिया। 2014 के लोकसभा चुनावों में अपना दल को दो सीटें मिली थीं। दोनों ही सीटों पर अपना दल ने जीत दर्ज की थी। इसके अलावा अपना दल के साथ रहने की वजह से अपना दल का आधार वोट भाजपा के साथ खड़ा था। अपना दल के प्रवक्ताअों के दावे से ये बात साफ है कि उपचुनाव में भी अपना दल (एस) भाजपा का पूरा साथ देगी।
राष्ट्रीय अधिवेशन में अनुप्रिया को विधिवत चुनाव जाएगा अध्यक्ष अपना दल (एस) अपना पहला राष्ट्रीय अधिवेशन 16 सितंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित करने जा रहा है। इस अधिवेशन में मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल को पार्टी का विधिवत राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा। इसके अलावा पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारणी का गठन करने के साथ ही प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों के नाम की भी घोषणा की जाएगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्वय राजेश पटेल व अरविंद शर्मा ने के मुताबिक अधिवेशन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए 2 जुलाई से 31 अगस्त तक चलाए गए सदस्यता अभियान में 69 हजार 376 नई सक्रिय और 17.34 लाख 400 नए सामान्य सदस्य बनाए गए हैं। करीब 20 लाख सामान्य सदस्य पहले के हैं। इस प्रकार उत्तर प्रदेश में पार्टी के सदस्यों की संख्या करीब 38 लाख तक पहुंच गई है।