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एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में सोमवार को आया नया मोड़ जाने पूरी बात

locationलखनऊPublished: Dec 24, 2018 08:43:52 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

सोमवार को अदालत ने सुनाया यह फैसला

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एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में सोमवार को आया नया मोड़ जाने पूरी बात

ritesh singh

लखनऊ। सीजेएम आनंद प्रकाश सिंह ने एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में दाखिल आरोप पत्र पर सोमवार को संज्ञान ले लिया। इस मामले में अभियुक्त पुलिसकर्मी प्रंशात के खिलाफ हत्या जबकि संदीप के खिलाफ सिर्फ मारपीट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। उन्होंने इन्हीं आरोपों में संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों का अभिरक्षा वारंट सही करने व उन्हें आरोप पत्र की नकलें देने का आदेश दिया है। उन्होंने अभियुक्तों को पांच जनवरी को जेल से तलब करने का आदेश भी दिया है।
बीते शनिवार को अदालत में संज्ञान के मसले पर विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया था। उनके वकील प्रांशु अग्रवाल ने अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप कुमार के खिलाफ समान आशय से हत्या करने के आरोप में संज्ञान लेने की लिखित दलील दी थी। उन्होंने इस मामले की जांच के तथ्यों पर भी अदालत का ध्यान आकृष्ट कराया था। कहा था कि जांच में यह तथ्य कहीं नहीं आया है कि घटना कारित करने के दौरान प्रंशात और संदीप के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। ऐसे में यह संभव नहीं है कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम देते समय या देने से ठीक पहले दोनों के बीच कोई संवाद नहीं हुआ हो।
उन्होंने इसके साथ ही इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के विभिन निर्णयों का हवाला देते हुए यह भी कहा था कि विवेचक की राय मानने के लिए अदालत बाध्य नहीं है। यदि विवेचक की राय अभियुक्त के पक्ष में है लेकिन अदालत को लगता है कि उसके विरुद्ध मामला बनता है, तो वह प्रक्रिया का पालन करते हुए विवेचक की राय से इतर अभियुक्त के विरुद्ध संबधित धारा में संज्ञान ले सकता है।
वहीं दूसरी तरफ अभियोजन की ओर से दाखिल आरोप पत्र पर ही संज्ञान लेने की मांग की गई थी। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।

सोमवार को अदालत ने पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए कल्पना तिवारी की अर्जी को निस्तारित कर दिया।
बीते गुरुवार को थाना महानगर के प्रभारी निरीक्षक विकास कुमार पांडेय ने इस मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमें प्रंशात कुमार चौधरी को हत्या (आईपीसी की धारा 302) जबकि संदीप कुमार को मारपीट (आईपीसी की धारा 323) का आरोपी बनाया गया है।
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