लखनऊ

ग्राम पंचायत में प्रशासकों की नियुक्ति को चुनौती मामले की सुनवाई 3 मार्च को

– पंचायत राज ग्राम प्रधान संगठन की पीआईएल पर हाईकोर्ट में सुनवाई

लखनऊFeb 25, 2021 / 04:06 pm

Hariom Dwivedi

Important decision of Nagaur Consumer Forum

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की तैनाती की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर पक्षकारों के वकीलों की सहमति से अगली सुनवाई 3 मार्च को नियत की है। राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह पेश हुए। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायामूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश पंचायत राज ग्राम प्रधान संगठन की पीआईएल पर दिया। इसमें प्रदेश की ग्राम पंचायतों में प्रधानो का कार्यकाल खत्म होने के बाद इनमें प्रशासकों की तैनाती किए जाने की कारवाई को कानूनी मंशा के खिलाफ बताते हुए इसे संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन कहा गया है।
याची के अधिवक्ता सीबी पांडेय के मुताबिक वर्ष 2000 में एक अध्यादेश के बाद राज्य सरकार ने यू पी पंचायत राज अधिनियम बनाया जिसकी धारा 12(3)(ए) में के तहत कार्यकाल खत्म होने पर सरकार पंचायतों में प्रशासन समिति या प्रशासक नियुक्त कर सकती है। जबकि इस अध्यादेश को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने असंवैधानिक करार देकर रद्द कर दिया था। ऐसे में जब मूल अध्यादेश के निरस्त होने पर उसके बाद बने कानून के तहत राज्य सरकार प्रशासकों की नियुक्ति नहीं कर सकती है। याचिका में यह कहते हुए अधिनियम की धारा 12(3)(ए) को चुनौती दी गई है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 243 (ई) के तहत पंचायतों का कार्यकाल 5 साल से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।
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