पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था को लेकर शासन एवं पंचायती राज निदेशालय की ओर से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण का आवंटन हो चुका है। जिले में कितने ब्लाकाें के प्रमुख पद एवं एक ब्लाक में ग्राम पंचायत प्रधान के आरक्षित पदों की संख्या भी निर्धारित की जा चुकी है। अब सुरक्षा की दृष्टि से लाइसेंस धारकों से असलहा जमा कराने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। ऐसे लाइसेंसी जिनके बारे में पुलिस द्वारा शांति भंग की आशंका व्यक्त की जा सकती है, ऐसे लोगों से प्राथमिकता से शस्त्र जमा कराया जाए।
हर सप्ताह शासन को देनी होगी सूचना
शस्त्र जमा कराने की सूचना हर सप्ताह शनिवार को शासन एवं पुलिस मुख्यालय को भेजनी होगी। मालखाने एवं शस्त्र की दुकानों पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था रखने का निर्देश भी दिया गया है। जिलाधिकारी की ओर से शस्त्र जमा कराने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। आपराधिक प्रवृत्ति वाले लाइसेंसियों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम में लंबित कार्यवाही का विवरण गृह विभाग एवं पुलिस मुख्यालय को 20 फरवरी तक उपलब्ध कराना होगा। सभी थानाध्यक्षों को जिलाधिकारी के यहां प्रमाण पत्र देना होगा कि उनके क्षेत्र में कोई आपराधिक इतिहास वाला लाइसेंसधारी नहीं है और यदि है तो उसके लाइसेंस निरस्तीकरण की सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को भेजनी होगी।
एक साल में बिके कारतूसों का लिया जाएगा हिसाब
यूपी के गोरखपुर जिले में जिलाधिकारी शस्त्र विक्रेताओं के साथ बैठक कर एक साल में बिके कारतूसों का विवरण लेंगे और उसकी समीक्षा भी करेंगे। इससे लाइसेंसियों को बेचे गए कारतूसों का मिलान होगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से शस्त्र लाइसेंस धारकों के शस्त्र जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लाइसेंसी मालखाने में या अधिकृत शस्त्र विक्रेता के यहां शस्त्र जमा कर सकते हैं। आपराधिक इतिहास वाले लाइसेंसी का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।