डा0 संजीव सिंह यादव ने के0जी0एम0यू0 के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के 75 वर्ष पूरे होने पर विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त को बधाई एवं शुभकामनाए दी तथा विभाग के प्लेटिनम जुबली समारोह वर्ष में 75 कार्यक्रम कराने के संकल्प की भी सराहना की। एलर्जी की इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए एशिया पैसिफिक एसोसिएशन ऑफ एलर्जी अस्थमा एण्ड क्लीनिकल इम्यूनोलोजी की अध्यक्ष व वर्ल्ड एलर्जी आर्गनाइजेषन की पूर्व अध्यक्ष जापान की डा0 रूबी पावनकर ने भी अपनी शुभकामनाएं दी।
इस संगोष्ठी में कोविड वैक्सीनेशन के ब्रांड एम्बेसडर डा0 सूर्यकांत ने कोविड काल में एलर्जी एवं अस्थमां रोगियों के लिए कोविड का खतरा एवं बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि गंभीर अस्थमा एवं अनियंत्रित अस्थमा के रोगियों को कोरोना होने का अधिक खतरा रहता है। अतः अस्थमा के सभी रोगी चिकित्सक के परामर्ष के अनुसार अपनी सभी इन्हेलर एवं अन्य चिकित्सा लेते रहे। जिससे उनका अस्थमा नियंत्रित रहे। आई0एमए0एम0एस0 के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि कोरोना काल के दौरान एलर्जी टेस्टिंग, पल्मोनरी फंक्षनटेस्ट, एलर्जी इम्यूनोथेरेपी न करवायें, इससे कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
कोरोना काल के दौरान एलर्जी एवं अस्थमा के रोगी डिजिटल माध्यम से चिकित्सकीय परामर्ष लें तथा चिकित्सको के क्लीनिक व अस्पतालो मे जाने से बचें। सुबह शाम भाप लेते रहे, घर के अन्दर ही रहें। यदि घर/कार्यालय का फ्यूमीगेषन हो रहा है तो एलर्जी व अस्थमां के रोगी इससे बचे क्योकि फ्यूमीगेषन में प्रयुक्त होने वाले रसायन एलर्जी व अस्थमा को बढ़ावा दे सकते है। गंभीर अस्थमा के रोगियो को ओमलिजूमैब तथा अन्य बायोलॉजिकल के इंजेक्शन लगाये जाते है। लेकिन कोरोना के दौरान इन इंजेक्शन के न लगाये।