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अटल जी की सरकार सुशासन का पहला माॅडल था जिसे देश ने देखा – राम नाईक

locationलखनऊPublished: Dec 24, 2018 06:57:50 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

ram naik

अटल जी की सरकार सुशासन का पहला माॅडल था जिसे देश ने देखा – राम नाईक

ritesh singh
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। राज्यपाल ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें अटल जी के साथ कार्य करने का अवसर मिला। अटल जी एक अच्छे राजनेता, कुशल वक्ता, सहृदय कवि तथा दूरदृष्टा थे। उन्होंने कहा कि अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी।
राज्यपाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाये जाने को उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताते हुये कहा कि सही मायने में अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल की सरकार सुशासन का पहला माॅडल था जिसे देश ने देखा था। राज्य सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की जयंती को 23 से 25 दिसम्बर, 2018 के मध्य ‘अटल महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है, जो कि अभिनन्दनीय है। उन्होंने कहा कि अटल जी के दिखाये मार्ग पर चलकर ही हम सच्चे अर्थों में देश को विकसित देशों की श्रेणी में ला सकते हैं।
राम नाईक ने कहा कि सुशासन का तात्पर्य केवल सरकार, शासन, प्रशासन के कार्यों में ही जवाबदेही, पारदर्शिता तथा समयबद्धता का होना नहीं है। देश के सभी नागरिकों को अपने जीवन एवं क्रियाकलापों में ईमानदारी एवं समाज के प्रति जवाबदेही की भावना को विकसित करने से ही सुशासन का निर्माण होगा। राम नाईक ने कहा कि वे अपने राजनैतिक जीवन में प्रथम बार 1978 में विधायक निर्वाचित होने से लेकर संसद सदस्य रहने तथा बाद में भी सुशासन की दृष्टि से अपना कार्यवृत्त प्रकाशन करते थे। जुलाई 2014 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद की शपथ ग्रहण करने के बाद पिछले चार वर्षों में भी ‘राजभवन में राम नाईक’ नाम से अपना कार्यवृत्त जनता के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। इस प्रकार अब तक 40 कार्यवृत्त प्रस्तुत हुये हैं।
राज्यपाल ने अपने कार्यकाल के आकड़े साझा करते हुये कहा कि अपने चार वर्ष पांच माह के कार्यकाल में अब तक वे 27,123 व्यक्तियों से राजभवन में व्यक्तिगत रूप से भेंट कर चुके हैं जबकि लखनऊ में कुल 994 सार्वजनिक कार्यक्रमों एवं लखनऊ के बाहर किन्तु उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में कुल 600 सार्वजनिक कार्यक्रमों अर्थात् कुल 1,594 सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए हंै। जवाबदेही एवं पारदर्शिता की दृष्टि से कुल 2,027 प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनता को मीडिया के माध्यम से कार्यों की जानकारी दी। अपने अब तक के कार्यकाल में उन्होंने मात्र 19 दिवसों का अवकाश लिया है जबकि उन्हें प्रतिवर्ष 20 दिवस का अवकाश अनुमन्य है।
राज्यपाल ने कहा कि अपने पद के दायित्व एवं कर्तव्य के प्रति सजग रहते हुये सदैव कार्यों का निष्पादन किया है। विधान भवन से पारित विधेयक हो अथवा अध्यादेश उन पर परीक्षणोपरान्त एवं तात्कालिकता के आधार पर अनुमति प्रदान की है। राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार, सत्र का नियमितिकरण, दीक्षांत समारोहों का आयोजन आदि प्रयास किये हैं।
सामाजिक सरोकारों से जुड़ी 12 संस्थाएं जैसे उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि, उत्तर प्रदेश क्षय-निवारक संस्था, उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद आदि जिनके राज्यपाल अध्यक्ष हैं, को क्रियाशील कर उनके कार्यों में गति प्रदान की है। महात्मा गांधी की 150वीं पुण्य तिथि एवं कुम्भ 2019 के आयोजन संबंधी उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष के नाते अपनी भूमिका निर्वहन भी किया है। उत्तर प्रदेश दिवस एवं महाराष्ट्र दिवस का आयोजन कर सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि सुशासन के लिये सबको अपना-अपना व्यक्तिगत योगदान देना अनिवार्य है।
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