सम्मान के तौर पर सुधा सिंह को चांदी का मेडल, अंगवस्त्र, सम्मान चिन्ह व पर्यावरण सरंक्षण के प्रतीक के तौर पर एक पौधा भी प्रदान किया।मुख्य अतिथि आनन्देश्वर पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि सुधा सिंह ने 2010 एशियाड में स्वर्ण जीता और अब 2018 एशियाड में रजत पदक जीता। इतने लम्बे समय तक प्रदर्शन में स्थिरता काबिले तारीफ है। मुझे पूरा विश्वास है कि सुधा सिंह टोक्यो ओलंपिक-2020 में देश का परचम लहराएगी।
खेल निदेशक डा.आरपी सिंह ने कहा कि अब खेल में काफी सुविधाएं मिल रही है और इसके चलते प्रदेश के खिलाड़ियों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन बढ़ रहाहै। हम खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं में और बढ़ोत्तरी करेंगे। रचना गोविल (कार्यकारी निदेशक, साई क्षेत्रीय केंद्र, लखनऊ) ने कहा कि साई में कम एंड प्ले स्कीम के अंतर्गत खिलाड़ी आए और ट्रेनिंग करे। इससे भविष्य में कई खेल प्रतिभाएं निकलेंगी।
कार्यक्रम के आयोजक टीपी हवेलिया (अध्यक्ष, कराटे एसोसिएशन ऑफ यूपी)ने कहा कि लिएंडर पेस जब 44 की उम्र में खेल सकता है तो हमें सुधा सिंह से उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक-2020 और उसके बाद भी सुधा देश का नाम रोशन करती रहेगी। वहीं सम्मान के बाद सुधा सिंह ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके पदक जीतने के लिए जल्द ही फिर से ट्रेनिंग शुरू कर दूंगी। अब ओलंपिक में पदक लाना ही मेरा एक मात्र लक्ष्य है। उन्होंने नए खिलाड़ियों को और मेहनत करने की सीख दी।
सुधा ने कहा कि मैं फिटनेस और स्ट्रैंथ बढ़ाने के लिए मैराथन का अभ्यास भी करती हूं। टोक्यो ओलम्पिक के लिए मैं जल्द ही तैयारियां शुरू कर दूंगी। फिलहाल मै एशियाई चैंपियनशिप और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने के लिए तैयारियों पर ध्यान दूंगी।