होटल में छुपे बैठे थे हत्यारे
टीएमसी नेता और नगरपालिका के चेयरमैन मनोज उपाध्याय की गत 21 नवंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन वारदात में शामिल बाकी शूटर व साजिशकर्ता पुलिस की पकड़ से दूर थे। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल पुलिस को हत्या में शामिल अन्य लोगों के यूपी में छुपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद यूपी पुलिस और एटीएस से संपर्क किया गया। यूपी एटीएस आईजी असीम अरूण ने बताया कि रतन चौधरी, कृष्णा चौधरी, राजू चौधरी, आकाश चौधरी, संतोष प्रसाद, देबू पकाड़े और राजेश चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी हुगली शहर पश्चिम बंगाल के रहने वाले है। यह सभी पश्चिम बंगाल में मनोज उपाध्याय की हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद यूपी के वाराणसी शहर भागकर आ गए। उनके मुताबिक यह सभी वाराणसी में दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के भोलेनाथ गेस्ट हाउस में कई दिनों से छुप कर बैठे हुए थे।
ऐसे अंजाम दी गई थी हत्या की वारदात
टीएमसी नेता मनोज उपाध्याय रोजना नगरपालिका में बैठने के बाद जय भार संघ क्लब जाते थे। इसके बाद वह भद्रदेश्वर स्थित घर लौटते थे। गत 21 नवंबर देर शाम भी वह एक साथी के साथ बाइक पर बैठकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने हाथ देकर बाइक रोकी और गोलियां चलानी शुरु कर दी। कई गोली लगने के बाद गंभीर रुप से घायल मनोज को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
हत्या से गरमाई बंगाल थी सियासत
मनोज उपाध्याय की हत्या के बाद टीएमसी ने बीजेपी पर हमला बोल दिया था। मंत्री फिरहद हकीम ने इस हत्या के पीछे बीजेपी और आरएसएस की साजिशकर्ता कहा कर मामले को बड़ा सियासी तुल दे दिया था।
ममता बनर्जी के करीबी थे मनोज
बताया जाता है कि मनोज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों में गिने जाते थे। मनोज की हत्या के बाद ममता बनर्जी के भजीते व सांसद अभिषेक बनर्जी ने घटनास्थल पर पहुंच फौरन आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए भी कहा था।