पूछताछ में एटीएस को राशिद की पूरी कहानी पता चली है। खबरों के मुताबिक, वर्ष 2017 और 2018 में राशिद दो बार पाकिस्तान के कराची में अपनी मौसी हसीना बेगम के पास गया था और वहीं रुका था। उसके मामा नजीर भी वहीं रहते हैं, जिनकी बेटी से वह प्यार करने लगा। रशीद के मामा को यह रिश्ता मंजूर नहीं था, उन्होंने बेटी की शादी से साफ मना कर दिया। राशिद का मौसेरा भाई शाहजेब आईएसआई और पाकिस्तानी डिफेंस के संपर्क में था। उसने आईएसआई और पाकिस्तानी डिफेंस से राशिद की मुलाकात कराई। उन्होंने राशिद से वादा किया कि वह दोनों शादी करा देंगे, बदले में भारत के महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थानों की फोटो, नक्शे और सेना के मूवमेंट की जानकारी मांगी। पैसे भी देने का वादा किया।
इसके बाद राशिद उनका जासूस बनकर देश की महत्वपूर्ण जानकारी दुश्मनों तक भेजने लगा। आईएसआई एजेंट के कहने पर राशिद ने दो भारतीय सिमकार्ड खरीदे और ओटीपी के जरिए पाकिस्तान में भारत के सिमकार्ड को वाट्सएप एक्टिवेट कर दिया। बदले में राशिद को पेटीएम से पांच हजार रुपए मिले। एनआईए राशिद के करीबियों की डिटेल खंगाल रही है।
करीबियों की डिटेल खंगाल रही पुलिस
एटीएस की जांच में यह भी पता चला था कि राशिद ने जिनके नाम से सिम खरीदे और जिनके पेटीएम पर पाकिस्तान से पैसा मंगाया था, उन्हें राशिद की हरकतों की जानकारी नहीं थी। शुरुआती पूछताछ के बाद एटीएस ने बाकी लोगों को छोड़ दिया था। जांच एजेंसियां राशिद के और करीबियों की डिटेल खंगाल रही है।