वकील बीती 24 फरवरी से लगातार न्यायिक कार्य से विरत चल रहे थे। यह निर्णय शनिवार को अवध बार में हुई अधिवक्ता, शिक्षक व व्यापारी संघों के महासम्मेलन में लिया गया। इसकी अध्यक्षता अवध बार के अध्यक्ष एच जी एस परिहार व संचालन महासचिव शरद पाठक ने किया। इसमें प्रदेश के अधिवक्ता संघों, शिक्षक संगठनों व व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों की एक क्षेत्राधिकार संघर्ष समिति का गठन किया गया। समिति के सदस्य प्रदेश के जिलों में जनजागरण के लिए प्रतिनिधि मंडल लेकर जाएंगें और हर हफ्ते प्रगति रिपोर्ट संघर्ष समिति को देंगें।
महापंचायत में प्रदेश के पश्चिमी जिलों में उच्च न्यायालय की बेंच स्थापना की मांग का समर्थन करते हुए तत्काल बेंच बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बेंच बनने तक इन जिलों का क्षेत्राधिकार हाईकोर्ट, लखनऊ से जोड़े जाने का भी प्रस्ताव पारित हुआ। निर्णय लिया गया कि हर रविवार संघर्ष समिति की ऑनलाईन बैठक होगी और 12 मार्च को सायं 5 बजे यहाँ जीपीओ पर संघर्ष समिति कैंडल मार्च निकलेगी। संयुक्त सचिव राहुल कुमार सिंह ने बताया कि अवध बार के वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव को अगले प्रस्ताव तक निलंबित किया गया और कहा गया कि अवध बार के वकील 8 मार्च (सोमवार) से न्यायिक कार्य करेंगें।