उत्तर प्रदेश की तत्कालीन ( Mulayam Singh Yadav) मुलायम सिंह यादव के नेतृव वाली सरकार कारसेवकों के खून की प्यासी हो गयी थी। 1990 के आंदोलन में ( Ayodhya) अयोध्या के आस-पास के जिलों में देश भर से आने वाले विभिन्न प्रान्तों, विभिन्न भाषा बोलने वाले राम भक्तों की सेवा की जाती थी। उसी समय बस्ती जिले के सरयू तट के निकट के गांवों में ग्रामीण कारसेवकों की भोजन आदि कराके नदी मार्ग अयोध्या में प्रवेश कराते थे। हर्रैया तहसील के साड़पुर गांव में रामभक्तों की सेवा का अलग ही उत्साह था। स्थानीय पुलिस को कहीं से सुराग लग गया कि उक्त गांव में राम भक्तों को भोजन आदि कराके ( Ayodhya) अयोध्या भेजा जाता है। 22 अक्टूबर के भोर में ही भारी संख्या में पुलिस ने साथ छापा मार दिया।
जिसमें पुलिस की गोलियों के कई लोग शिकार हो गये। 1990 के आंदोलन की पहला बलिदान बस्ती जिले के साड़पुर गांव के नाम अंकित हुआ। इसमें दो लोग बलिदान हुए तथा एक व्यक्ति पुलिस की गोली से घायल हुये। बलिदानियों की पहचान साड़पुर के सत्यभान सिंह, हेंगापुर के रामचंद्र यादव के रूप में हुई तथा पुलिस की गोली घायल एक व्यक्ति की पहचान जयराज यादव के रूप में हुई। बलिदानी सत्यभान सिंह के भाई सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि भगवान श्रीराम के वंशज हमारे पूर्वज थे। उन्हें न्याय मिल गया, उनका भव्य मंदिर बनने जा रहा है। ( Prime Minister Narendra Modi) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूमिपूजन में आ रहे हैं। हम लोगों को भी निमंत्रित किया जाता तो बहुत प्रसन्नता होती।
भगवान राम को न्याय मिल गया लेकिन हम लोग अभी भी मुकदमा लड़ रहे हैं। अक्टूबर 1990 में कारसेवकों को पकड़ने आयी पुलिस ने हम लोगों के ऊपर गोली भी चलाई और गंभीर धाराओं में मुकदमा भी चला दिया। जिसे हम आज तक लड़ रहे हैं। अब तो फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चल रहा है। उसी समय पुलिस ने हमारे गांव के एक व्यक्ति की लाइसेंसी बंदूक जमा कर लिया था जो आज भी ( police) पुलिस के मालखाने की शोभा बढ़ा रही है। भगवान को न्याय मिल गया लेकिन कम जूझ रहे हैं। तब से अब तक भाजपा के चार मुख्यमंत्री बन चुके लेकिन हम अभी भी कचहरी के चक्कर काट रहे हैं।हमारे गांव से मिट्टी और चांदी की ईंट शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक अजय सिंह के नेतृत्व में दिया गया है। ( Shriram Temple Pilgrim Area Trust) श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपा गया है।